Sasaram : कोरोना वायरस ने सारी व्यवस्था को उलट-पलट कर रखा दिया है। इस वायरस ने खासकर गरीबों का जीना मुहाल कर दिया है। आलम यह है कि इस वायरस के नाम पर जहां सरकारी अस्पतालों में अन्य बीमारी का इलाज नहीं हो रहा है। वहीं निजी अस्पतालों द्वारा मनमाना पैसे का डिमांड किया जा रहा है। जिसकी वजह से गरीबों बेहाल है।
एक ऐसा ही मामला सासाराम से सामने आया है। जहां कोरोना जिले के बंजारी के कल्याणपुर का एक सब्जी विक्रेता ठेला चालक विद्या सागर पोद्दार अपनी बीमार नवजात बच्चे के इलाज के लिए दो दिन तक भटकना पड़ा।
पोद्दार ने बताया कि अपनी बीमार नवजात बच्ची के इलाज के लिए जब वह सदर अस्पताल पहुंचा तो उसे भगा दिया गया। हालांकि बाद में मीडिया के हस्तक्षेप के बाद बच्चे को एसएनसीयू में भर्ती किया गया।
विद्यासागर पोद्दार का कहना है कि वह 3 अगस्त से ही बच्चे तथा बच्ची की मां को लेकर परेशान हैं। जब सदर अस्पताल में इलाज नहीं हुआ तो वह निजी क्लिनिक में गए। लेकिन निजी क्लीनिक में अधिक पैसे की मांग के बाद वह बेचारे परेशान होकर फिर सरकारी अस्पताल की ओर भागे। लेकिन यहां भी उसका इलाज जब नहीं हो रहा था, तो अंत में मीडिया से सहायता मांगी।
तब जाकर सिविल सर्जन के निर्देश पर बच्चे को एसएनसीयू अर्थात शिशु गहन चिकित्सा वार्ड में भर्ती किया गया।
बता दे की पहले भी सामान्य मरीजों को अस्पताल में इलाज के लिए हो रही दिक्कत के संबंध में न्यूज4नेशन ने प्रमुखता से खबर चलाई गई थी।
सासाराम से राजू कुमार की रिपोर्ट