रात के अंधेरे में धड़ल्ले से चल रही है बिना चालान के बालू वाले ओवरलोडेड ट्रकें, बालू माफिया और अधिकारियों के बीच फिर से सांठगांठ की खबर

DEHRI :  खबर रोहतास जिला से हैं। एक तरफ जहां बिहार सरकार राजस्व वृद्धि के लिए आम लोगों पर लगातार कर वृद्धि की बोझ डाल रही है। बिजली से लेकर डीजल-पेट्रोल तक लोग अन्य प्रांतों के वनिस्पत महंगी खरीद रहे। लेकिन बिहार में राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत कहे जाने वाले 'बालू खनन' से राजस्व की लूट मची है। बालू माफिया तथा अधिकारी मिलीभगत कर रात दिन बिना चालान के ओवरलोड गाड़ियां पास हो रहे हैं। जिन से सड़कें तो बर्बाद हो रही है, साथ ही सरकार के राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है। माफिया तंत्र बिना सरकारी चालान के बालू खनन कर उसे विभिन्न ग्रामीण सड़कों के माध्यम से दूसरे जिले तथा प्रांतों में भेज रहे हैं और परिवहन एवं खनन विभाग मूकदर्शक बनी हुई है। 

रोहतास के दरिहट, नासरीगंज, तिलौथू, डेहरी ऑन सोन तथा बिक्रमगंज इलाका बालू माफिया के लिए कुख्यात है। दरिहट थाना क्षेत्रके पंडुहार एव मझीआव बालू घाट से बिना चालान के ओवरलोड ट्रकें निकल रही हैं। खासकर दरिहट-अकोढ़ी गोला- अमरा तालाब रोड से लगातार बिना चालान के बालू वाले ट्रक पास कराया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर अधिकारियों तथा बालू के धंधेबाजो के बीच चल रहे गोरखधंधा से सरकारी राजस्व की लूट मची है।

   बता दें कि कुछ साल पहले डिहरी इलाके में बालू के अवैध कारोबार में कई अधिकारियों की संलिप्तता उजागर हुई थी। आर्थिक अपराध इकाई ने कार्रवाई करते हुए पुलिस तथा सिविल के कई अधिकारियों पर मिलीभगत के आरोप लगाए थे। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी मानने को तैयार नहीं है। 

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   यह तस्वीर रात के अंधेरे की है। खासकर नासरीगंज-बिक्रमगंज, दरिहट-अकोढ़ीगोला, तिलौथू-डिहरी आदि सड़कों पर आपको यह नजारा आम मिल जाएगी। कई बार यह बात सामने आ चुकी है कि परिवहन विभाग के अधिकारी ओवरलोड ट्रकों को पकड़ कर छोड़ दे रहे हैं, आरोप लगता है कि बिना चालान वाले ओवरलोड गाड़ियों से अवैध वसूली होती है और सरेआम गाड़ियां छोड़ी जा रही हैं। 

आरोप है कि जब नोखा में इस तरह का मामला सामने आया तो परिवहन विभाग ने पेंडिंग जुर्माना कर के मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की। बता दें कि पहले भी परिवहन विभाग के कई अधिकारियों पर सरकार की गाज गिर चुकी है। ऐसे में खनन विभाग के अधिकारी कहते हैं कि जहां कहीं भी शिकायत मिलती है, कार्रवाई होती है। 

बड़ा सवाल यह है कि आखिर बिना चालान के बालू घाट से ट्रक कैसे निकल रही है? परिवहन तथा खनन विभाग के बीच आपसी तालमेल का अभाव है। जिस कारण आए दिन सरकारी राजस्व की भारी नुकसान की खबर मिलती है।