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नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने बीजेपी के दो एजेंडों को किया फतह,अब तीसरे मिशन की तैयारी भी शुरू

नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने बीजेपी के दो एजेंडों को किया फतह,अब तीसरे मिशन की तैयारी भी शुरू

DESK : एनडीए सरकार के लगातार दूसरे कार्यकाल में देश के प्रधानमंत्री मोदी न सिर्फ बीजेपी की मुराद पूरी कर रहे हैं बल्कि बल्कि देशभर में बैठे लोगों के एक बड़े वर्ग की मनोकामना भी पूरी कर दे रहे हैं। सनातन धर्म से जुड़े लोगों के लिये राम मंदिर आस्था का प्रतीक है। इसका सियासती मतलब कुछ यूं समझिए की बीजेपी ने अपने दूसरे कार्यकाल में अपने दो बड़े एजेंडे को फतेह कर लिया है । पहला धारा 370 ,जिसे पहले से ही  बीजेपी ने जनसंघ के जमाने से ही अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी जगह दे रखा था। गौरतलब है कि जनसंघ के नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने पहली दफा कश्मीर को लेकर एक देश,एक विधान एक निशान, एक प्रधान का नारा दिया था। श्यामा प्रसाद मुखर्जी कश्मीर में लागू धारा 370 के प्रबल विरोधी थे । जनसंघ के समय से ही कश्मीर से धारा 370 का उन्मूलन भाजपा का सपना था।जिसे नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आई भाजपा सरकार ने पूरा किया।

 वहीं 9 नवंबर 1989 को जिस राम मन्दिर आंदोलन की नींव रखी गयी थी उसके पीछे भी भाजपा चट्टान की तरह खड़ी थी। राम मंदिर बनाने के वादे को बीजेपी लगातार अपने चुनावी घोषणा पत्र में जगह देती रही। धीरे धीरे विरोधियों के द्वारा मन्दिर मुद्दे को लेकर बीजेपी टारगेट भी की जाने लगी। विपक्षी पार्टियों ने इल्जाम लगाना शुरू किया कि बीजेपी मन्दिर मुद्दे को सिर्फ वोट के समय उछालती है बाद में भूल जाती है। लेकिन यह मुद्दा भी न्यायपालिका के माध्यम से बीजेपी सरकार के कार्यकाल के दौरान ही सुलझ गया। अब जरा सोचिए कि 491 साल बाद राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ भी हुआ तो भाजपा नेतृत्व वाली सरकार के समय ही।


कुल मिलाकर भाजपा ने मुख्य एजेंडों को फतह कर लिया है अब बारी पूरे देश मे समान नागरिक संहिता की। मतलब श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नारे में से एक , एक विधान की।  पूरे देश में सारे नागरिकों के लिये एक विधान होना चाहिए। बताया जा रहा है बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व अब इस एजेंडे पर मंथन में जुट गया है। जल्द ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि खबर यह भी है कि केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में धर्मांतरण विरोधी विधेयक भी लाने जा रही है। तीन तलाक को पहले ही कानूनी अमली जामा पहना दिया गया है। एनआरसी यानी नागरिक संशोधन विधेयक की प्रक्रिया आसाम में शुरू कर सामन नागरिक संहिता की आधारशिला रख दी गयी है।


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