PANCHAYAT ELECTION : लंबे समय तक नहीं चलेगा पंचायतों में परामर्श समिति का कार्यकाल, यह बताया जा रहा है कारण

PATNA : प्रदेश में पंचायत चुनाव स्थगित होने के बाद चुनाव होने तक परामर्श समिति को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह ग्रामीण सरकार का संचालन करें। समिति के अध्यक्ष वर्तमान मुखिया को ही बनाया गया है। कई जिलों में इस परामर्श समिति ने काम करना शुरू भी कर दिया है। लेकिन अब कहा जा रहा है कि इस परामर्श समिति का कार्यकाल ज्यादा लंबे समय तक नहीं चल सकेगा। 

बताया जा रहा है कि कोरोना का प्रभाव कम होने के साथ ही बिहार राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव की तैयारियां फिर से शुरू कर दी हैं। आयोग की तरफ से  आपदा प्रबंधन विभाग को पत्र लिखकर बाढ़ प्रभावित जिलों, प्रखंडों व पंचायतों के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है। बताया जा रहा है कि इस जानकारी के आधार पर ही आयोग चुनाव की तैयारियों को लेकर निर्णय ले पाएगा। आयोग की कोशिश है कि बारिश व बाढ़ प्रभावित पंचायतों की विस्तृत जानकारी मिलने से उन इलाकों में दिसंबर के अंत तक चुनाव कराया जा सकता है। आयोग सूत्रों की मानें तो बारिश का मौसम बीतने के बाद अक्टूबर से दिसंबर तक पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।

मानसून के बाद हो सकते हैं चुनाव

राज्य के 28 जिले बाढ़ प्रभावित माने जाते हैं। हर साल इन बाढ़ प्रभावित जिलों में बड़ी आबादी को विस्थापित होना पड़ता है। लोगों को अपने गांव-घर को त्याग कर उंचे स्थानों पर शरण लेनी पड़ती है। ऐसे में स्थिति के सामान्य होने के बाद ही उन क्षेत्रों में पंचायत चुनाव कराया जा सकता है। माना जा रहा है कि इन जिलों में मानसून बाद ही स्थिति बेहतर हो सकती है। सूत्रों के अनुसार राज्य में मानसून व बाढ़ की स्थिति को ध्यान में रखते हुए पंचायत चुनाव की तैयारी की जा रही है। आयोग के राज्य मुख्यालय में पंचायत चुनाव की तैयारियों को लेकर बुधवार को उच्च स्तरीय बैठक भी हुई। इसमें चुनाव के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया गया।