Desk: पति कितना आयकर रिटर्न भरता है अब यह पत्नी के लिए देखना संभव नहीं. केंद्रीय सूचना आयोग ने एक फैसला देते हुए स्पष्ट कहा है की किसी के भी प्राइवेसी का ख्याल रखते हुए कोई भी व्यक्ति आयकर विभाग में कितना रिटर्न जमा करता है इसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता. क्योंकि यह सार्वजनिक गतिविधि नहीं है. यह एक कर्तव्य है जो व्यक्ति राज्य के प्रति निर्वहन करता है यह सूचना सिर्फ आवेदक को दी जा सकती है और किसी को नहीं.
केंद्रीय सूचना आयोग ने आयकर रिटर्न से संबंधित एक फैसला दिया है जिसके अनुसार आयकर रिटर्न का ब्यौरा पत्नी को नहीं दिया जा सकता यह आरटीआई कानून की धारा 8(1) जे के तहत छूट के दायरे में आएगा.
गौरतलब है यह फैसला तब दिया गया है जब बेंगलुरु में रहनेवाली एक पत्नी के द्वारा आरटीआई अर्जी दायर कर अपने पति के आयकर रिटर्न का ब्यौरा मांगा गया था. बता दें कि पति-पत्नी के बीच रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे थे यह मामला जैसे ही विभाग के पास पहुंचा तो इस याचिका को खारिज करते हुए यह फैसला दिया गया कि आयकर रिटर्न गोपनीय होता है और इसे आरटीआई की धारा 8(1) जे के तहत छूट प्राप्त है.
केंद्रीय सूचना आयोग के आयुक्त नीरज कुमार गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में दिए गए एक फैसले का उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत करते हुए कहा की पति पत्नी के आपसी झगड़े में धारा 8(1) जे के संरक्षण को तब तक नहीं हटाया जा सकता जब तक आवेदक यह साबित न कर दे कि यह बेहद व्यापक जनहित मामले में शामिल है. यह बिल्कुल निजता का मामला है जो पति और पत्नी के संबंधों पर भी लागू होता है.