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दशहरा को लेकर पटना डीएम-एसएसपी ने अधिकारियों को दिया निर्देश, गांधी मैदान व आसपास का क्षेत्र 'नो पार्किंग, नो वेंडिंग जोन' रहे

दशहरा को लेकर पटना डीएम-एसएसपी ने अधिकारियों को दिया निर्देश, गांधी मैदान व आसपास का क्षेत्र 'नो पार्किंग, नो वेंडिंग जोन' रहे

पटना. दुर्गा पूजा में रावण वध कार्यक्रम को लेकर पटना डीएम डॉ. चन्द्रशेखर सिंह एवं एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान डीएम और एसएसपी ने कहा है कि रावण वध कार्यक्रम के अवसर पर विधि-व्यवस्था संधारण प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। डीएम डॉ. सिंह व एसएसपी ढिल्लो ने कहा कि सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था के लिए सभी पदाधिकारियों को सजग, सतर्क एवं सक्रिय रहना पड़ेगा। साथ ही आपस में सार्थक समन्वय भी कायम रखना होगा।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि पूरे जिले में कुल 20 जगहों पर रावण वध कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। मुख्य कार्यक्रम का आयोजन गांधी मैदान में हो रहा है। गाँधी मैदान में आयोजित होने वाले सभी कार्यक्रमों का एक निर्धारित प्रोटोकॉल है। साथ ही यह फिक्स्ड वेन्यू-फिक्स्ड टाईम कार्यक्रम भी है। मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार प्रोटोकॉल का अक्षरशः अनुपालन सभी पदाधिकारियों को सुनिश्चित करना है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि कार्यक्रम के महत्व को देखते हुए पटना आयुक्त द्वारा भी पिछले एक सप्ताह में दो बार गांधी मैदान, पटना का निरीक्षण किया गया है। उन्होंने कहा कि चूंकि दो साल के बाद रावण बध कार्यक्रम एवं बिना किसी प्रतिबंध के दुर्गापूजा का आयोजन हो रहा है। अतः अपार जन-समूह के एकत्रित होने की संभावना है। इसलिए विशेष सतर्कता एवं निगरानी बरता जाना आवश्यक है, ताकि सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था एवं उत्कृष्ट भीड़ प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सके।

पटना डीएम ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी प्रतिनियुक्त दण्डाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस बल ससमय अपने प्रतिनियुक्ति स्थल पर पहुंच जाएंगे तथा तब तक अपने प्रतिनियुक्ति स्थल पर मुस्तैद रहेंगे, जब तक कि भीड़ कार्यक्रम स्थल से पूरी तरह वापस न चली जाए एवं मैदान पूर्णतः खाली न हो जाए। डीएम डॉ. सिंह व एसएसपी ढिल्लो ने कहा कि विधि-व्यवस्था संधारण के दृष्टिकोण से पूरे गांधी मैदान को चार सेक्टर में विभाजित किया गया है। सभी सेक्टर में एम्बुलेंस, फायर यूनिट एवं पेयजल की व्यवस्था की गई है। सेक्टर में अपर जिला दंडाधिकारी एवं पुलिस उपाधीक्षक को वरीय प्रभार में रखा गया है। प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी चिकित्सकों, फायर यूनिट के पदाधिकारियों एवं पेयजल व्यवस्था के प्रभारी पदाधिकारियों से समन्वय बनाए रखेंगे, ताकि किसी भी तरह की कोई समस्या न हो।

सेक्टर के प्रभारी दंडाधिकारियों एवं वरीय पुलिस पदाधिकारियों के साथ गांधी मैदान एवं आस-पास विधि-व्यवस्था संधारण हेतु कुल 37 विभिन्न स्थानों पर 61 दण्डाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। दंडाधिकारियों के साथ पुलिस पदाधिकारियों को भी तैनात किया गया है। महिला बल, लाठी बल एवं अन्य पुलिस बल भी ड्यूटी पर मुस्तैद रहेंगे। जिला नियंत्रण कक्ष में पांच दंडाधिकारियों तथा गंधी मैदान नियंत्रण कक्ष में छह दंडाधिकारियों को सुरक्षित रखा गया है। बैरिकेडिंग गैंगवे पर आठ दंडाधिकारियों के नेतृत्व में पुलिस पदाधिकारियों एवं पुलिस बल को लगाया गया है। सीसीटीवी नियंत्रण कक्ष में दो आईटी पदाधिकारियों को लगाया गया है।

सभी गेट पर दंडाधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों एवं बलों की प्रतिनियुक्ति की गई है। चार क्विक रिस्पॉन्स टीम भी तैनात रहेगा, जो किसी भी प्रकार की आकस्मिक सूचना पर त्वरित कार्रवाई करेगा। गांधी मैदान में सेन्ट्रल माईकिंग की व्यवस्था रहेगी। इसके साथ सभी 13 गेट एवं बाह्य क्षेत्रों में भी माईकिंग की व्यवस्था की गई है। पूरे गांधी मैदान में एवं आस-पास हाई क्वालिटी के 59 सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी। ये फिक्स्ड बुलेट एवं पीटीजेड कैमरा हैं। त्रुटिहीन सुरक्षा व्यवस्था के लिए गांधी मैदान में अस्थायी नियंत्रण कक्ष भी कार्यरत रहेगा। इससे सम्पूर्ण भीड़ की गतिविधि पर नजर रखी जाएगी। 

डीएम डॉ. सिंह व एसएसपी ढिल्लो ने कहा कि गांधी मैदान में भीड़ नियंत्रण एवं विधि-व्यवस्था संधारण हेतु मुख्य गेट के नजदीक तथा ध्वजारोहण स्थल के पास वाच टावरों की स्थापना की गई है। 10 वाच टावरों में दंडाधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों एवं पुलिस बलों को ड्रैगन लाईट/ध्वनि विस्तारक यंत्र के साथ मुस्तैद रखा जाएगा। प्रत्येक वाच टावर पर सिविल डिफेन्स के दो कर्मी भी तैनात रहेंगे। इन वाच टावरों से पूरे गाँधी मैदान में नजर रखी जाएगी। गांधी मैदान में लोगों को सूचना का आदान-प्रदान करने तथा आवश्यक सहायता पहुंचाने हेतु हेल्प डेस्क (खोया-पाया सहायता केन्द्र) कार्यरत रहेगा। यह हेल्प डेस्क गेट नं0 5, 7, 10 एवं ध्वजारोहण स्थल के पास क्रियाशील रहेगा। इसमें दंडाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।

गांधी मैदान के चारों ओर 34 प्रकाश मीनारों से 136 एलईडी मेटल लाइट, 112 पोल लाईट एवं 15 हाईमास्ट लाइट के द्वारा गांधी मैदान एवं उसके चारों ओर प्रकाश की उत्कृष्ट व्यवस्था रहेगी। पाथवे लाइट की भी बेहतर व्यवस्था रहेगी। प्रकाश की सुदृढ़ व्यवस्था हेतु प्रकाश मीनारों, हाईमास्ट लाइट के स्थलों पर अभियंताओं एवं तकनीशियनों की प्रतिनियुक्ति रहेगी। डीएम डॉ. सिंह ने निर्देश दिया कि नगर निगम, भवन निर्माण विभाग एवं विद्युत विभाग द्वारा आपसी समन्वय कर समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

जिला नियंत्रण कक्ष एवं पुलिस नियंत्रण कक्ष के अतिरिक्त गांधी मैदान में कार्यक्रम स्थल पर एक अस्थायी नियंत्रण कक्ष कार्यरत रहेगा। डीएम डॉ. सिंह व एसएसपी ढिल्लो ने कहा कि किसी भी प्रकार कि संदेहास्पद सूचना 24x7 जिला नियंत्रण कक्ष (दूरभाष संख्या  0612-2219810/2219234) एवं आपात नम्बर सेवा 112 पर तुरत दें।  इसपर त्वरित कार्रवाई की जाएगी। पुलिस नियंत्रण कक्ष से भी मोबाइल नम्बर 9470001389 पर भी सम्पर्क स्थापित किया जा सकता है।

गांधी मैदान के बाहर सड़क पर आम लोगों के पैदल आने-जाने हेतु सुगम यातायात की उत्तम व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। दंडाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों को तैनात करते हुए निर्देश दिया गया है कि सर्कुलेशन जोन में कहीं भी भीड़ इकट्ठा न हो, लोगों का गांधी मैदान में प्रवेश एवं निकास सुगमतापूर्वक हो। गांधी मैदान एवं उसके आस-पास का क्षेत्र नो पार्किंग, नो वेडिंग जोन है। यातायात प्रबंधन हेतु समुचित व्यवस्था पुलिस अधीक्षक यातायात द्वारा की गई है। ट्रैफिक प्लान से संबंधित सूचना अखबारों के माध्यम से आम जनता को दी गई है, ताकि लोग समारोह के समय वैकल्पिक मार्ग का चुनाव कर सके। 5 अक्टूबर को 2 बजे दिन के उपरांत गांधी मैदान की तरफ वाहनों का प्रवेश वर्जित रहेगा। लोग रावण वध कार्यक्रम देखने हेतु गांधी मैदान में पैदल आएंगे। यातायात पुलिस की प्रतिनियुक्ति के अलावा पुलिस अधीक्षक, यातायात पर्याप्त संख्या में हैण्ड-हेल्ड माइक के साथ एनसीसी कैडेट को विभिन्न स्थानों पर तैनात रखेंगे।

किसी भी आकस्मिक परिस्थिति से निपटने हेतु गाँधी मैदान में पूरी व्यवस्था की गई है। 10 एम्बुलेंस सभी आवश्यक दवाओं एवं मेडिकल टीम के साथ तैनात रहेगा। गांधी मैदान स्थित अस्थायी नियंत्रण कक्ष में वरीय चिकित्सक के नेतृत्व में चिकित्सा दल आवश्यक औषधियों के साथ प्रतिनियुक्त रहेंगे। सिविल सर्जन अस्पतालों से समन्वय करते हुए यह सुनिश्चित करेंगे कि वहां उत्तम इमर्जेंसी सुविधा उपलब्ध रहे। आपातकालीन स्थिति से निपटने हेतु एम्स, पीएमसीएच, एनएमसीएच, इन्दिरा गांधी हृदय रोग संस्थान, इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में इमर्जेन्सी नियंत्रण कक्ष कार्यरत रहेगा। ऑपरशन थियेटर 24 घंटे खुले रहेंगे।


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