पटना. पटना हाइकोर्ट ने मोतिहारी शहर में अवस्थित मोतीझील के दयनीय रखरखाव और प्रशासनिक उपेक्षा पर गहरा असंतोष जाहिर किया। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने अधिवक्ता कुमार अमित की जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि प्रधान सचिव नगर विकास विभाग, पर्यटन,जल संसाधन, वन विभाग इत्यादि के साथ बैठक कर इस झील को अतिक्रमणमुक्त करने और जीर्णोद्धार कराने की कार्रवाई करें। अगली सुनवाई में की गई कार्रवाई का रिपोर्ट करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया गया है।
अधिवक्ता कुमार अमित ने कोर्ट को बताया कि मोतिहारी शहर में एक रमणीय और प्राकृतिक झील है,जिसे मोतीझील के नाम से जाना जाता है। प्रशासनिक उपेक्षा और लगातार रखरखाव नहीं होने के कारण ये झील अपना अस्तित्व खोता जा रहा है।
उन्होंने बताया कि न सिर्फ इस झील क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण हुआ है, बल्कि शहर की गंदगी और अस्पतालों का कचरा झील में ही गिराया जाता है। जंगल झाड, लगातार बढ़ते प्रदूषण और कीचड के कारण इसके अस्तित्व पर ही संकट आ गया है। अधिवक्ता कुमार अमित ने कोर्ट को जानकारी दी कि यहाँ का नगर निगम भी इसकी देख भाल नहीं करता है। प्रशासनिक उपेक्षा के शिकार इस सुंदर झील का अस्तित्व कर सकता है।
इस मामले पर अगली सुनवाई 23 दिसंबर, 2022 को होगी।