पटना हाईकोर्ट ने थानों की दयनीय हालत को लेकर की सुनवाई, बीपीबीसीसी को पार्टी बनाने का दिया निर्देश, एडीजी कमल किशोर सिंह बने कार्डिनेटर

PATNA : पटना हाईकोर्ट ने राज्य में पुलिस स्टेशनो की दयनीय अवस्था और बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं होने के मामलें पर सुनवाई की। एसीजे जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ को राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि इस मामलें बिहार के ए डी जी कमल किशोर सिंह कार्डिनेटर के रूप में कार्य करेंगे। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को कॉर्डिनेटर के रूप में कार्य करने के वरीय पुलिस अधिकारी का नाम का सुझाव देने को कहा था। राज्य में 1263 थाना है,जिनमें 471 पुलिस स्टेशन के अपने भवन नहीं है। इन्हें किराये के भवन में काम करना पड़ता है। कोर्ट ने बिहार स्टेट पुलिस बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कार्पोरेशन को पार्टी बनाने का निर्देश दिया।जब तक दूसरे भवन में पुलिस स्टेशन के लिए सरकारी भवन नहीं बन जाते, तब तक पुलिस अधिकारी कॉर्डिनेटर  के रूप में कॉर्डिनेट करेंगे।

इससे पहले भी पुलिस स्टेशन की दयनीय स्थिति और बुनियादी सुविधाओं का मामला कोर्ट में उठाया गया था। राज्य सरकार ने इन्हें सुधार लाने का वादा किया था,लेकिन ठोस परिणाम नहीं दिखा। इसी तरह का एक मामलें पर जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने सुनवाई करते हुए पुलिस स्टेशनों की दयनीय अवस्था को गम्भीरता से लिया।उन्होंने इस मामलें को जनहित याचिका मानते हुए आगे की सुनवाई के लिए डिवीजन बेंच में भेज दिया।

कोर्ट में सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी अधिवक्ता सोनी श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि जो थाने सरकारी भवन में चल रहे हैं, उनकी भी हालत अच्छी नहीं है। उनमें भी बुनियादी सुविधाओं की काफी कमी है। उन्होंने बताया कि पुलिस स्टेशन में बिजली,पेय जल,शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएँ भी उपलब्ध नहीं है।  लगभग आठ सौ थाने ऐसे है, सरकारी भवन में चल रहे है,लेकिन उनकी भी दयनीय अवस्था है।

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उन्होंने कोर्ट को बताया कि जो थाना सरकारी भवन में है,उनमें भी निर्माण और मरम्मती की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि कई पुलिस स्टेशन के भवन की स्थिति खराब है। पुलिसकर्मियों को काफी कठिन परिस्थितियों में और कई सुविधाओं के अभाव में कार्य करना पड़ता है। इस मामलें पर अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद होगी।