पटना हाईकोर्ट ने आवारा कुत्तों को पकड़ने सहित कई कार्य एनजीओ को देने के मामले पर की सुनवाई, नगर आयुक्त को हलफनामा दायर करने का दिया निर्देश

पटना हाईकोर्ट ने आवारा कुत्तों को पकड़ने सहित कई कार्य एनजीओ

PATNA : पटना हाईकोर्ट ने पटना में आवारा कुत्तों की नसबंदी एवं एंटी रेबीज वैक्सिनेशन का कार्य “संतुलन जीव कल्याण” नामक एनजीओ को दिये जाने के मामले पर सुनवाई करते हुए नगर निगम के आयुक्त को हलफ़नामा दायर करने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन एवं जस्टिस पार्थ सारथी की खंडपीठ ने पीपल्स फॉर एनिमल्स एवं अन्य द्वारा दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई की।

याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट को बताया कि संतुलन जीव कल्याण संस्था को पशु जन्म नियंत्रण नियम , 2023 की धारा 2 (एच) के तहत आवश्यक परियोजना प्रमाणपत्र नहीं मिला है। इस आधार पर उसके टेंडर को रद्द किया जाना चाहिए। 

उन्होंने बताया है कि संतुलन जीव कल्याण संस्था को एबीसी कार्यक्रम के संचालन के लिए परियोजना मान्यता नहीं दी गई है। पटना नगर निगम ने आवारा कुत्तों को पकड़ने, पशुओं के जन्म नियंत्रण, एंटी रेबीज टीकाकरण नसबंदी और टीकाकरण के लिए 1130/- प्रति कुत्ते की दर से निविदा सूचना 18-11-2022 के विरुद्ध 12-01-2023 को निविदा कार्य आवंटित किया है।

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याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार ने  बताया कि नगर निगम पटना संतुलन जीव कल्याण की मिलीभगत से पशु जन्म नियंत्रण और टीकाकरण के संचालन में आवारा कुत्तों के साथ क्रूरता कर रहा है। ऐसे में संतुलन जीव कल्याण के पक्ष में दिए गए टेंडर को रद्द किया जाना चाहिए। इस मामले पर अगली सुनवाई 7अक्टूबर,2023 को होगी।