पटना हाईकोर्ट ने सीतामढ़ी की लड़कियों के इलाज के मामले को लेकर की सुनवाई, एम्स के अधिवक्ता को हलफनामा दायर करने का दिया निर्देश

PATNA : पटना हाईकोर्ट ने सीतामढी ज़िला के आर्थिक रूप से कमज़ोर और शारीरिक अपंग लड़कियों की जांच और इलाज के सम्बन्ध में सुनवाई की। एसीजे जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए एम्स,पटना के अधिवक्ता को कल तक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। एम्स,पटना के अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय ने बताया कि तीन लड़कियों में से दो लड़कियों को हड्डी सम्बन्धी रोग है। उनका ईलाज पटना के एम्स हॉस्पिटल में शुरू हो गया है। इन दोनों लड़कियों के ईलाज पर तीन लाख साठ हज़ार रुपया खर्च हो रहा है। ये धनराशि बिहार सरकार ने दे दिया है।
उन्होंने बताया था कि एक नेत्र सम्बन्धी बीमारी से ग्रस्त है। इसके ईलाज के लिए इसे दिल्ली,एम्स भेजा जाना है। इसके प्रारंभिक इलाज के मद में राज्य सरकार ने बीस हज़ार रुपये एम्स,पटना के खाते में स्थानांतरित कर दिया है। ये धनराशि एम्स,दिल्ली के खाते में एम्स,पटना को स्थानांतरित करना है। इसी सम्बन्ध में कोर्ट ने एम्स,पटना को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है।
उल्लेखनीय है कि सीतामढी के ज़िला व सत्र न्यायाधीश ने इनके सम्बन्ध में पटना हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखा था। इसमें ये बताया गया कि दो लड़कियों को हड्डी रोग की समस्या है,जबकि एक लड़की नेत्र की समस्या से ग्रस्त है। इनके आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण इनके माता पिता इनका इलाज नही करवा पा रहे थे। इनके इलाज में अस्पताल और इलाज का खर्च काफी होता है, जो कि इनके वश में नहीं था।
कोर्ट ने इनके ईलाज के क्रम में जांच के लिए पटना के एम्स अस्पताल भेजा था। एम्स के अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय ने कोर्ट को बताया था कि एम्स अस्पताल में जांच का कार्य हो गया। इस मामलें की सुनवाई के क्रम में कोर्ट ने एम्स अस्पताल, पटना व राज्य सरकार समाज कल्याण विभाग को पार्टी बनाने का आदेश दिया गया था। इस मामलें पर 21 फरवरी,2023 को फिर सुनवाई होगी।