पटना हाईकोर्ट ने बॉडीगार्ड हत्या को लेकर राजद विधायक के खिलाफ चल रहे मामले पर की सुनवाई, स्पेशल पीपी बहाल करने पर सरकार से किया जवाब तलब

पटना हाईकोर्ट ने बॉडीगार्ड हत्या को लेकर राजद विधायक के खिला

PATNA : पटना हाईकोर्ट ने अंगरक्षक के हत्या मामले में बनियापुर से राजद विधायक केदार नाथ सिंह समेत भाई दीना नाथ सिंह और भतीजा सुधीर सिंह के खिलाफ चल रहे ट्रायल में स्पेशल पीपी की बहाली के सम्बन्ध में जवाब तलब किया। कोर्ट ने पूछा कि आखिर किन परिस्थितियों में राज्य सरकार स्पेशल पीपी की बहाली की है।जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने अन्नु देवी व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने इस मामलें पर 12 जनवरी,2024 तक इस मामलें पर जवाब देने का मोहलत दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को आगामी 12 जनवरी तक जवाब दाखिल कर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया।

याचिकाकर्ता  की ओर से अधिवक्ता  अमित नारायण ने कोर्ट को बताया कि इस केस में वैसे स्पेशल एपीपी की बहाली की गई हैं, जिसकी नियुक्ति के पूर्व महाधिवक्ता से परामर्श तक नहीं ली गई। उनका कहना था कि स्पेशल पीपी बनाये गये वकील के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई कि उन्हें क्यों स्पेशल पीपी बनाया गया। उनका यह भी कहना था कि इस केस को छपरा सिविल कोर्ट से स्थान्तरण कर पटना सिविल कोर्ट में कर दिया जाये। कोर्ट ने इन दोनों बिंदुओं पर जबाबी हलफनामा दायर करने का आदेश राज्य सरकार को दिया। साथ ही मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 12 जनवरी,2024 निर्धारित की गयी है।

अधिवक्ता  अमित नारायण ने कोर्ट को बताया कि इस केस के एपीपी अभियुक्तों के पक्ष में काम कर रहे हैं। इससे मृतक के परिजनों को न्याय मिलने की संभावना नहीं के बराबर हैं। उनका कहना था कि इस केस के गवाहो की गवाही ठीक से नहीं कराई जा रही हैं,जिसका पूरा लाभ अभियुक्तों को मिलना तय है। उनका कहना था कि विधायक उनके भाई व भतीजा फरार घोषित हुये थे। जिसके खिलाफ छपरा जिला जज के यहां क्रिमिनल रिवीजन 83/2019 दायर किया गया। निचली अदालत ने ट्रायल का पूरा रिकॉर्ड अपने यहां मंगा ली। तब से ट्रायल लंबित है।

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उन्होंने घटना के बारे में बताया कि विधायक अपने सरकारी अंगरक्षक और निजी अंगरक्षकों के साथ उपस्थित थे। विधायक अंगरक्षकों के साथ सूचक के आदमी के साथ मारपीट करने लगें। जिसे देख दौड़े और मीटिंग हॉल से सभी को बाहर करने की मांग करने लगें और बैठक का बहिष्कार करने का उच्च अधिकारी से गुहार लगाने लगें।सभी हॉल से बाहर आ गये। विधायक दल बल के साथ चले गये। वापस आकर दीना नाथ सिंह रायफल से गोली चला दी। अंगरक्षक मुन्ना सिंह बचाने के लिए आगे आ गये। गोली उसके बाह में लगी, तभी केदार नाथ सिंह और सुधीर सिंह भी गोली मार दी। दीना नाथ सिंह कमर से रिवाल्वर निकाल सूचक को खोजने लगें। इसी बीच पुलिस फोर्स आ गई और सभी भाग गये।

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