पटना हाईकोर्ट ने उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में 500 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले पर की सुनवाई, जानिए क्या है पूरा मामला

पटना हाईकोर्ट ने उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में 500 करोड़ रुपये

PATNA : पटना हाईकोर्ट ने उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में 500 करोड़ रुपये के घोटाले से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को जाँच के लिए एजेंसी तय करने के संबंध में रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया। जस्टिस पीबी बजनथ्री एवं जस्टिस  अरुण कुमार झा की खंडपीठ ने नवनीत कुमार एवं  धर्मजय कुमार की लोकहित याचिका पर  सुनवाई करते हुए नाबॉर्ड को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। 

सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि नाबॉर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक़ कुछ वित्तीय अनियमितता मिली है । इस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह इस मामले की जाँच के संबंध में रिपोर्ट पेश करे कि आख़िर इस मामले की जाँच सीबीआई करेगी या कोई अन्य एजेंसी। कोर्ट को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता शिव प्रताप ने बताया कि आरबीआई के एक सर्कुलर का हवाला देते हुए कोर्ट को बताया कि बैंक में यदि घोटाले की रकम तीन करोड़ रुपये से ज्यादा की हो,तो इसे सीबीआई को जांच के  लिए सुपुर्द किया जाना चाहिए।

ये जनहित याचिका नवनीत कुमार और धर्मजय कुमार ने दायर की है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया की 8 अगस्त,2023 को एसएसपी,मुजफ्फरपुर  ने अपना व्यक्तिगत हलफ़नामा दायर किया। इसमें उन्होंने बताया कि सभी अभियुक्तों के विरुद्ध कोई सबूत नहीं मिला। उन्होंने उलटे याचिकर्ताओं पर आरोप लगा कर  केस बंद करने का अनुरोध किया। वर्तमान में सीबीआई वैशाली जिला के कस्तूरीसराय शाखा में हुए घोटाले की जाँच कर रही है।

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एसएसपी ,मुजफ्फरपुर द्वारा मामले की जाँच आर्थिक अपराध इकाई से कराने के अनुरोध को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। गौरतलब है कि पूर्व में भी मुजफ्फरपुर  पुलिस द्वारा काज़ीमुहम्मदपुर थाना कांड संख्या 83/2022 बिना किसी जाँच के बंद कर वादी पर ही आरोप लगा दिया था।  इस मामलें पर कोर्ट के हस्तक्षेप से पुनः सुनवाई की जा रही है। इस मामले की अगली सुनवाई 2 नवंबर,2023 को होगी।