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दरभंगा एयरपोर्ट का नाम बदलने के ख़िलाफ़ पटना हाइकोर्ट जनहित याचिका दायर, कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब

दरभंगा एयरपोर्ट का नाम बदलने के ख़िलाफ़ पटना हाइकोर्ट जनहित याचिका दायर, कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब

राज दरभंगा इतिहास संरक्षण एवं संवर्द्धन समिति ने स्थानीय जनप्रतिनिधि पर भेदभाव का लगाया आरोप

DARBHANGA :  8 नवंबर 2020 को दरभंगा एयरपोर्ट से हवाई सेवा शुरू होने के बाद इसके नाम को लेकर राजनीति शुरू हो गई थी। अब इस एयरपोर्ट का नाम विद्यापति के नाम पर किए जाने के प्रस्ताव के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ताओं ने मीडिया से कहा कि हाईकोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार करते हुए मामले में केंद्र सरकार से 4 महीने के भीतर जवाब मांगा है। दरअसल, ये याचिका दरभंगा की एक स्वयंसेवी संस्था राज दरभंगा इतिहास संरक्षण एवं संवर्द्धन समिति के एक कार्यकर्ता संजय कुमार राय ने दायर की है। याचिका का दरभंगा राज परिवार ने भी समर्थन किया है। समिति के सदस्यों ने दरभंगा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये जानकारी दी।

राज दरभंगा इतिहास संरक्षण एवं संवर्द्धन समिति के संरक्षक रंगनाथ ठाकुर ने एक राज कार्यालय में शुक्रवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दरभंगा राज परिवार ने 1962 में भारत-चीन युद्ध के समय सामरिक महत्व को देखते हुए 89 एकड़ में बना अपना एयरपोर्ट भारत सरकार को सौंप दिया था। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार से राज परिवार को एक पैसा भी मुआवजा नहीं मिला था। इसके बावजूद जब 2020 में दरभंगा एयरपोर्ट पर सेवा शुरू हुई है तो सरकार इस एयरपोर्ट का नाम विद्यापति के नाम पर करने जा रही है और इस संबंध में राज परिवार के सदस्यों से राय तक नहीं ली गई है। उन्होंने कहा कि यह न्यायोचित नहीं है। उन्होंने कहा इसी के खिलाफ समिति के एक सदस्य संजय कुमार राय ने पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है। 

एयरपोर्ट के नामकरण के लिए सुझाए तीन नाम

रंगनाथ ठाकुर ने कहा कि इस याचिका में एयरपोर्ट के 3 नाम सुझाए गए हैं- दरभंगा एयरपोर्ट, महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह दरभंगा एयरपोर्ट और महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह विद्यापति एयरपोर्ट। उन्होंने कहा कि इस याचिका को स्वीकार करते हुए पटना हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से इन नामों पर विचार करने को कहा है और इस संबंध में 4 महीने के भीतर सरकार से जवाब मांगा है। रंगनाथ ठाकुर ने कहा कि उनकी संस्था इस लड़ाई को आगे तक ले जाएगी और जरूरत पड़ी तो वे लोग सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें विद्यापति के नाम पर कोई एतराज नहीं है। विद्यापति न सिर्फ मिथिला बल्कि पूरे देश के लिए आदरणीय हैं। लेकिन न्याय यही कहता है कि जो व्यक्ति दानदाता है उसका नाम उससे जुड़ी संस्था में होना चाहिए या उसका नामकरण करने के पहले उस परिवार से सलाह मशविरा किया जाना चाहिए।

राज परिवार ने भी किया याचिका का समर्थन

दूसरी तरफ महाराजा कामेश्वर सिंह के पौत्र कपिलेश्वर सिंह ने भी इस जनहित याचिका का समर्थन किया है। उन्होंने याचिकाकर्ता संजय कुमार राय की तारीफ की और कहा कि महाराजा रामेश्वर सिंह ने कूच बिहार, पूर्णिया, सहरसा और दरभंगा एयरपोर्ट की स्थापना की थी। उन्होंने कहा कि दरभंगा राज ने दरभंगा एविएशन कंपनी की स्थापना की थी और इस कंपनी के कई जहाज भारत सरकार को दान में दे दिए गए थे। उन्होंने कहा कि दरभंगा एयरपोर्ट का नामकरण महाराजा कामेश्वर सिंह के नाम पर होना चाहिए।

1930 में महाराजा रामेश्वर सिंह ने शुरू किया था दरभंगा एयरपोर्ट

दरअसल, दरभंगा एयरपोर्ट की स्थापना 1930 के दशक में महाराजा रामेश्वर सिंह ने की थी। आखिरी महाराजा कामेश्वर सिंह की मृत्यु के पहले 1962 तक यहां से कलकत्ता तक आम लोगों के लिए भी फ्लाइट चलती थी जिसका लाभ तब के व्यापारी उठाया करते थे। इस एयरपोर्ट पर कई देशों के राजे महाराजे, राष्ट्राध्यक्ष, देश के बड़े नेता और बड़े ब्रिटिश अधिकारी उतर चुके हैं। 1962 में भारत-चीन युद्ध के समय दरभंगा राज ने 89 एकड़ में बने इस एयरपोर्ट को भारत सरकार को सौंप दिया था जिस पर भारतीय वायु सेना ने दरभंगा एयर फोर्स स्टेशन का निर्माण कराया। इस एयरपोर्ट पर दोबारा 8 नवंबर 2020 को हवाई सेवा की शुरुआत हुई जिसके तहत फिलहाल स्पाइसजेट और इंडिगो की एक दर्जन से ज्यादा फ्लाइट देश के कई महानगरों के लिए चलती हैं। बिहार सरकार ने हाल ही में विधानसभा से एक प्रस्ताव पारित  कराया है जिसके तहत इस एयरपोर्ट का नाम बदलकर कवि कोकिल विद्यापति एयरपोर्ट करने का प्रस्ताव है। इस प्रस्ताव को बिहार सरकार ने केंद्र सरकार को भेज दिया है जहां फिलहाल यह प्रस्ताव विचाराधीन है।

वरुण ठाकुर की विशेष रिपोर्ट

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