PATNA : पटना हाईकोर्ट ने कलेक्ट्रेट बिल्डिंग तोड़ने पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार और पटना नगर निगम से इस संबंध में जवाब तलब किया है। गौरतलब है राजधानी पटना में स्मार्ट सिटी के नाम पर कई पुराने भवनों और बिल्डिंगों को तोड़ दिया गया है।
न्यायमूर्ति शिवाजी पांडे और न्यायमूर्ति पार्थसारथी की खंडपीठ ने इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरीटेज की लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अपना यह फैसला सुनाया है।
हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील मृगांक मौली ने इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरीटेज की तरफ से दलील रखते हुए कोर्ट को बताया कि स्मार्ट सिटी के नाम पर राजधानी पटना में स्थित पुराने भवनों और ऐतिहासिक बिल्डिंगों को तोड़ा जा रहा है। शहर के विकास के नाम पर पटना जिला जज और सिटी एसपी का बंगला पहले ही तोड़ दिया गया है।
वहीं कलेक्ट्रेट बिल्डिंग सहित कई ऐतिहासिक भवनों और धरोहरों को तोड़ने का पूरा खाका तैयार कर लिया गया है। अगर ऐसा होता रहा तो राजधानी के कई गौरव स्मार्ट सिटी और शहर के विकास के नाम पर भेंट चढ़ जाएंगे और पाटलिपुत्र का गौरवशाली इतिहास समाप्त हो जाएगा।
सारी बातों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति शिवाजी पांडे और न्यायमूर्ति पार्थसारथी की खंडपीठ ने कलेक्ट्रेट बिल्डिंग को तोड़ने पर रोक लगा दिया बिहार सरकार और नगर निगम को 4 सप्ताह में जवाब देने को कहा गया है।