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पटना हाईकोर्ट ने अधिवक्ता कामेश्वर पाण्डेय के कथित हत्या मामले की मांगी केस डायरी, पढ़िए पूरी खबर

पटना हाईकोर्ट ने अधिवक्ता कामेश्वर पाण्डेय के कथित हत्या मामले की मांगी केस डायरी, पढ़िए पूरी खबर

PATNA : पटना हाईकोर्ट ने बिहार स्टेट बार काउंसिल के वाईस चेयरमैन रहे अधिवक्ता कामेश्वर पांडेय व उनकी दाई की कथित हत्या मामले में केस डायरी की मांग किया। जस्टिस सत्यव्रत वर्मा की याचिकाकर्ता रविश कुमार उर्फ रविश कुमार सिंह की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई की।

गौरतलब है कि रिश्ते में कामेश्वर पांडेय के भतीजा अभिजीत कुमार द्वारा 6 मार्च, 2020 द्वारा दी गई लिखित सूचना के आधार पर एफ आई आर लिखी गई। आई पी सी की धारा 302, 380, 120(बी) व 34 के तहत भागलपुर जिले मेंं कोतवाली (तिलकामांझी) प्राथमिकी संख्या 72/ 2020 दर्ज  किया गया था। इस तिथि को अधिवक्ता के ड्राइवर द्वारा कांड के सूचक को फोन पर सूचना दी गई थी कि तुरंत घर आइए, हादसा हुआ है। कामेश्वर पांडेय के घर के मुख्य द्वार के पास कुछ खून के धब्बे पाए गए थे और वे अपने बेडरूम में अस्त व्यस्त हालात में अचेत पड़े हुए थे। उनके चेहरे पर खून लगा हुआ तकिया रखा हुआ पाया गया था। कमरे में रखा हुआ आलमारी टूटा हुआ था। साथ ही उसमें रखा हुआ सामान भी गायब था। मुख्य द्वार के निकट पोर्टिको में जेनेरेटर के बगल में रखा हुआ ड्राम में दाई का मृत शव पाया गया था। घर से सारे नकदी, कागजात, एक स्मार्ट फोन और कामेश्वर पांडेय के कार को लेकर अपने साथियों के साथ आरोपी भाग गए थे। याचिकाकर्ता के कपड़े पर खून का धब्बा भी पाया गया था तथा इसी के स्वीकारोक्ति बयान पर कार की बरामदगी की गई थी।

वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने बताया कि दर्ज प्राथमिकी के अनुसार मृत कामेश्वर पांडेय का किराएदार गोपाल भारती से आये दिन मकान खाली करने को लेकर विवाद होता रहता था। दाई से भी उलझा करता था और धमकी भी देता था कि तुमलोगों को देख लेंगे। आरोप लगाया गया है कि याचिकाकर्ता अन्य लोगों के साथ मिलकर हत्याकांड को अंजाम दिया था। इस बात की जानकारी मोहल्ले वालों, परिवार वाले और कचहरी के कुछ लोगों की भी थी कि गोपाल भारती का विचार और व्यवहार अच्छा नहीं था।

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