PATNA: हुजूर आपकी पुलिस पटना की निरीह जनता पर कहर बन कर टूट रही है।सड़कों पर आपकी पुलिस खुलेयाम गुंड़ई कर रही है।इतने से भी मन नहीं भर रहा तो निरीह जनता को थानों में बंद करा दिया जा रहा है।क्या वर्दी को कलंकित करने वाले वैसे पुलिसकर्मियों के लिए आपने कोई दंड़ निर्धारित किया है या नहीं.......
बता दें कि पटना के ट्रैफिक थानेदार अरूण कुमार की गुंडागर्दी खुलेयाम सड़कों पर दिख रही है।उसकी गुंडागर्दी से राजधानी की आम-आवाम त्रस्त है।शुक्रवार को जिस तरीके से थानेदार गुंडागर्दी करते रहा और निहत्था युवक गिड़गिडाता रहा... युवक इंस्पेक्टर के पैरों पर भी गिरा बावजूद इसके गुंडागर्दी का आलम ये रहा कि उस थानेदार ने उस शख्स को बीच सड़क पर घसीटना शुरू कर दिया। उससे इस बात की पुष्टि होती है कि शायद उस थानेदार पर वर्दी का नशा छाया हुआ है।
अपराधियों के सामने मिमियाने वाला इंस्पेक्टर का इतने से भी मन नहीं भरा तो उस निहत्थे इंसान को गांधी मैदान पुलिस के हवाले कर दिया।आरोप लगाया गया कि वह अपनी गाड़ी में आग लगाने जा रहा था।भला कोई अदना आदमी अपनी गाड़ी में आग क्यों लगाएगा।अगर दबंग इंस्पेक्टर की बात पर विश्वास कर भी लिया जाए तो फिर यह सवाल तो उठता हीं है कि क्या उसके पास माचिस या कोई अन्य ज्वलनशील पदार्थ मिले जिससे वह आग लगाता ।अगर नहीं था तो फिर वह शख्स आग कैसे लगाता ?जब उसके पास माचिस नहीं थी तो क्या वह बीच सड़क पर पत्थर रगड़कर अपनी गाड़ी को आग के हवाले करता? इसका जवाब पटना ट्रैफिक इंस्पेक्टर को देना चाहिए।
न्यूज4नेशन ने जब गुंड़ों की तरह व्यवहार करने वाले ट्रैफिक इंस्पेक्टर से पूछा कि आपको किसने यह अधिकार दिया है कि किसी को आप सड़कों पर घसीटे..तो इंस्पेक्टर का जवाब था कि वह शख्स अपनी गाड़ी में आग लगाने जा रहा था...हमने पूछा कि क्या उसके पास माचिस या कोई अन्य ज्लवनशील चीज मिले जिससे वह अपनी गाड़ी में आग लगाता तो ट्रैफिक थाना के इंस्पेक्टर अरूण कुमार ने कहा कि हमने जांच नहीं की..बड़ा सवाल यही है कि जब आपने जांच नहीं की तो फिर कैसे जान गए कि वह अपनी गाड़ी में आग लगाने जा रहा था? और फिर आपने किस वजह से उसे गांधी मैदान थाने के हवाले कर दिया? इन सवालों का जवाब सड़कों पर अपनी ताकत दिखाने वाले ट्रैफिक इंस्पेक्टर के पास नहीं थी।
हालांकि गांधी मैदान थाने की पुलिस ने उस शख्स को पीआर बॉड पर छोड दिया लेकिन बड़ा सवाल यही है कि छोटी सी गलती पर कार्रवाई करने वाली पुलिस अपने इंस्पेक्टर की इस हरकत पर चुप क्यों है...