जल्द शुरु होगा पटना मेट्रो का काम, पीएम मोदी करेंगे पटना मेट्रो प्रोजेक्ट का शिलान्यास

 PATNA :  बिहारवासियों को जल्द ही मेट्रो ट्रेन का तोहफा मिलने वाला है।  पटना में मेट्रो रेल सेवा का काम जल्दी ही शुरु हो जाएगा।  पटना भी आने वाले समय में मेट्रो नेटवर्क वाले प्रमुख शहरों में शुमार हो जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी सितंबर में पटना मेट्रो प्रोजेक्ट के पहले फेज का शिलान्यास कर सकते हैं। यह तय माना जा रहा कि प्रधानमंत्री द्वारा सगुना मोड़ से पटना जंक्शन होते हुए मीठापुर बस स्टैंड तक जाने वाले पहले रूट का शिलान्यास किया जाएगा। मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर चल रही तैयारियों के बारे में नगर विकास एवं शहरी मंत्रलय के स्तर पर सभी तरह की तैयारियां की जा रही है। बिहार के नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने  पिछले दिनों  केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी से मुलाकात के बाद यह भरोसा दिया था।  पटना मेट्रो का डीपीआर तैयार कर रही राइट्स ने पथ निर्माण विभाग को इस बारे में पत्र लिखा है। पत्र पटना मेट्रो के सगुना मोड़ से बेली रोड और पटना जंक्शन होते हुए मीठापुर रूट से संबंधित है। राइट्स का कहना है कि लोहिया पथ चक्र के बारे में वह दो जुलाई तक अपनी पूरी जानकारी उन्हें उपलब्ध करा दें ताकि इस संरचना के हिसाब से यह तय किया जा सके कि उक्त स्थान पर मेट्रो का स्वरूप किस तरह का होगा। राइट्स ने पहली बार पथ निर्माण विभाग को पटना मेट्रो प्रोजेक्ट के पहले रूट जो सगुना मोड़ से बेली रोड होते वाया पटना जंक्शन से मीठापुर तक का है, से जुड़े तकनीकी ब्योरे को उपलब्ध कराया है।

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आइआइटी दिल्ली की टीम ने बेली रोड में बन रहे लोहिया पथ चक्र को डिजायन किया है। स्वैप तकनीक पर देश में पहली बार बन रहे इस सड़क चक्र में कई अंडरपास है। इस प्रोजेक्ट की वजह से समस्या यह है कि मेट्रो को स्ट्रेच में अंडरग्राउंड कैसे किया जाए?  एनआईटी ने पटना मेट्रो का कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान तैयार कर नगर विकास विभाग को सौंप दिया, जिसका अध्ययन किया जा रहा है। शहरी विकास मंत्रालय ने नई मेट्रो पॉलिसी के अनुसार राज्य सरकार को कॉम्प्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान (सीएमपी) और ऑल्टरनेटिव एनालिसिस प्लान (एएनपी) तैयार करने का निर्देश दिया था। सरकार ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) को सीएमपी और एएनपी तैयार करने की जिम्मेवारी सौंपी थी। रिपोर्ट में  प्रस्तावित मेट्रो से यात्रा करने वालों की अनुमानित संख्या, निर्धारित रूट, प्रस्तावित स्टेशन, रखरखाव के लिए डिपो, बिजली की उपलब्धता, इस परियोजना का पर्यावरण और सामाजिक प्रभाव का आकलन, अनुमानित लागत और वित्तीय प्रभाव का आकलन किया गया है।