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साइबर अपराध के मामले में पटना अव्वल, 5 फीसदी से भी कम है रिकवरी रेट, इन बातों का रखें ध्यान...

साइबर अपराध के मामले में पटना अव्वल, 5 फीसदी से भी कम है रिकवरी रेट, इन बातों का रखें ध्यान...

डेस्क... आजकल साइबर क्राइम बिहार पुलिस के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। हर रोज भोली भाली जानता इसका शिकार हो रही है और लोगों की गाढ़ी कमाई लूटरे लूट रहे हैं। अब आलम ये है कि  राजधानी पटना साइबर क्राइम के मामले में सूबे में पहले पायदान पर पहुंच गया है, जबकि देश में पहला स्थना दिल्ली का है। 

बता दें कि पुलिस की लाख कोशिशों और लोगों की सावधानी के बावजूद राजधानी पटना में साइबर क्राइम का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। लोगों की एक-एक चूक उनपर भारी पड़ रही है। साइबर अपराधी पलक झपकते ही अकाउंट खाली कर दे रहे हैं। यही वजह है कि साइबर क्राइम के मामले में पटना दूसरे पायदान पर है जबकि देश की राजधानी दिल्ली पहले स्थान पर है। RBI की ओर से जारी 1 जुलाई 2019 से जून 2020 तक के आंकड़ों के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर देशभर में 19652 मामले दर्ज किया गया, जिसमें अकेले पटना में 393 मामले दर्ज हुए जबकि दिल्ली में 496 मामले दर्ज हुए। 

हैरानी की बात तो ये कि पुलिस भी हाई प्रोफाइल मामलों पर अपनी तत्परता दिखाती है और कुछ मामलों को सॉल्व करके अपनी पीठ थपथपा लेती है। साइबर अपराध की रिकवरी मामले में पटना में 5 फ़ीसदी से भी कम है। इससे साफ है कि पुलिस साइबर अपराध को रोकने में नाकाम है। 

पटना एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने भी माना है की टेक्निकल इसमें बहुत समस्या आती है।आजकल जो अपराध हो रहे हैं उसमें काफी इजाफा भी हो रहा है। मेरे पास भी दिन भर में कई कॉल आते हैं और मैं किसी को भी अपना एटीएम नंबर व अन्य डिटेल नहीं बताता हूं। 

जब पुलिस कप्तान ही कह रहे हैं कि साइबर क्राइम पुलिस के लिए बहुत बड़ी चुनौती है और वह खुद ऐसे अपराधों से बचने के लिए कई तरीके अपने आ रहे हैं तो आप समझ सकते हैं कि आप लोगों का क्या होगा।  ऐसे हालात में आपकी जागरूकता ही आपको बचा सकती है। इन बातों का जरूर ध्यान रखें। 

बैंक के नाम से आई कॉल पर रिस्पांस न दें 

बैंक कभी आपको कॉल नहीं करता है 

फोन पर आने वाले लुभावनी मैसेज से बचें 

किसी प्रकार के प्रलोभन वाले कॉल से बचें 

बैंक से जुड़े ई-मेल पर रिप्लाई न करें

बैंक से जुड़ी जानकारी शेयर ना करें 

अपना एटीएम कार्ड का नंबर साझा ना करें 

किसी तरह का कोई ऐप डाउनलोड ना करें 

6 अंको का OTP किसी से साझा न करें। 

अपना CVV नंबर किसी से साझा ना करें 

साइबर कैफे में नेट बैंकिंग का इस्तेमाल ना करें 

शक होने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें 

यह वह तमाम बातें हैं जो आपको साबित हो सकती है, लेकिन सवाल यह है कि हर साल साइबर ट्रेनिंग के नाम पर लाखों खर्च होने के बावजूद भी पुलिस फिसड्डी साबित हो रही है। ऐसे में आप सावधान रहें सतर्क रहें और सावधान रहें। 

पटना से मदन कुमार की रिपोर्ट

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