PATNA : बिहार के ओलंपिक 2028 के मुहिम को पूरा करने और खेल प्रतिभाओं की पहचान करने में शारीरिक शिक्षा शिक्षकों की भूमिका काफी अहम है। ये बातें बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रविन्द्रन शंकरण ने बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से राज्य के माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शारीरिक शिक्षकों के द्वितीय बैच के प्रशिक्षण कार्यक्रम के आख़िरी दिन प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करने के दौरान कहीं। उन्होंने विस्तारपूर्वक राज्य के खेेलों में प्रदर्शन के इतिहास का उल्लेख करते हुए बताया कि किस खेल में प्रतिभा और बेहतर क्षमता के साथ साथ कैसे व क्यूं उपलब्धि हासिल की जा सकती है। द्वितीय बैच के प्रशिक्षण कार्यक्रम में वे आज विशेष रूप से टैलेंट आइडेंटीफिकेशन वेन,वाइ एवं हाउ (Tailent identification: When,Why and How) विषय पर व्याख्यान दिया। साथ ही उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को कहा कि ग्रामीण इलाकों में काफी प्रतिभा है और उसकी पहचान और सही दिशा देने में आपकी भूमिका अहम है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के उपरांत उन्होंने सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाणपत्र के साथ साथ मुंगेर योग विश्वविद्यालय की योगासन एवं प्राणायाम से संबंधित पुस्तक वितरित किया। एससीईआरटी के पूर्व निदेशक सह यूनिसेफ के शिक्षा कंसल्टेंट एस ए मोईन ने भी प्रशिक्षणार्थियों का उत्साहवर्धन किया।
इससे पूर्व शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने अपने अनुभवों के आधार पर तैयार किए गए टापिक हेल्दी लाइफ: हूं डजंट वाटंस इट (Healthy life: Who doesn't want it) विषय पर व्याख्यान दिया। जिसमें उन्होंने बताया कि प्रतिदिन की अनुशासित जीवन शैली ,योग, खेल के माध्यम से हम खुशहाल और स्वास्थ जीवन का आनंद उठा सकते हैं। साथ ही कहा कि बच्चे हमारे भविष्य है और भविष्य बेहतर हो इसके लिए आज से ही बच्चों के बीच स्वास्थ्य और जीवन शैली के प्रति उन्हें जागरूक किया जाए।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रशिक्षक (ट्रेनर) सह कार्यक्रम का संचालन कर रहे बापू स्मारक महिला उच्च विद्यालय के शारीरिक शिक्षा शिक्षक सह एन आई एस एथलेटिक्स प्रशिक्षक अभिषेक कुमार ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर यूनिसेफ के कंसल्टेंट निशांत, प्रशिक्षक मृत्युंजय, डब्लू आदि उपस्थित थे।प्रशिक्षण कार्यक्रम के द्वितीय बैच में बैच अररिया, अरवल, औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर एवं मधुबनी जिला के माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शारीरिक शिक्षा शिक्षक भाग ले रहे थे, जिनका प्रशिक्षण सोमवार से शुरू हुआ था।