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गया में पिंडदानियों को मिलेगी कई सुविधाएं, कल "गयाजी डैम" का उद्घाटन करेंगे सीएम नीतीश, पैदल पुल का होगा लोकार्पण

गया में पिंडदानियों को मिलेगी कई सुविधाएं, कल "गयाजी डैम" का उद्घाटन करेंगे सीएम नीतीश, पैदल पुल का होगा लोकार्पण

GAYA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मोक्षदायिनी फल्गु नदी पर बने गयाजी डैम का कल विधिवत उद्घाटन करेंगे। साथ ही सीताकुण्ड जाने हेतु पुल का लोकार्पण भी करेंगे। कार्यक्रम का आयोजन कल दोपहर लगभग एक बजे के आसपास किया जाएगा। इस दौरान विष्णुपद मंदिर के समीप पितृपक्ष मेला-2022 का उद्घाटन भी किया जाएगा। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव शामिल होंगे। इसे लेकर भव्य मंच का निर्माण कराया गया है।


इस मौके पर जिला पदाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस.एम. ने कहा कि पितृपक्ष मेला विगत 2 वर्षों के बाद मनाया जा रहा है। इस वर्ष पितृपक्ष मेला में पूर्व वर्षो की अपेक्षा में अधिक संख्या में तीर्थयात्री के आने का अनुमान है। इसे ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन द्वारा सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। तीर्थ यात्रियों की बेहतर सुविधा के लिए गांधी मैदान में तीन टेंट सिटी का भी निर्माण कराया गया है। टेंट सिटी का निर्माण पितृपक्ष मेला के दौरान पहली बार किया गया है। उन्होंने कहा कि पूर्व के वर्षों में फल्गु नदी में पानी नहीं रहने के कारण पिंडदानियो को तर्पण देने में काफी कठिनाइयां होती थी। 

डीएम ने बताया की फल्गु नदी के तट पर विष्णुपद मंदिर के नजदीक सालों भर जल उपलब्ध कराने हेतु गयाजी डैम का निर्माण करवाया गया है। विष्णुपद मंदिर के निकट फल्गु नदी के सतही प्रवाह को रोकने के लिए 3 मीटर ऊंचा एवं 411 मीटर की लंबाई में भारत का सबसे लंबा रबर डैम का निर्माण करवाया गया है। जिसमें 65- 65 मीटर लंबाई के 06 span हैं। इसके रबर ट्यूब में आधुनिक स्वचालित विधि से हवा भरी एवं निकाली जा सकती है। जिसके कारण फल्गु नदी के जल के प्रवाह एवं भंडारण को प्रभावी रूप से संचालित किया जा सकेगा। 

इसके साथ ही श्रद्धालुओं के विष्णुपद घाट से सीताकुंड तक पिंडदान हेतु जाने के लिए रबड़ डैम के ऊपर 411 मीटर लंबा स्टील पैदल पुल का भी निर्माण किया गया है। इसके साथ ही स्टील पैदल पुल से उतरकर सीताकुंड तक पहुंचने के लिए पैदल पथ भी तैयार किया गया है। श्रद्धालुओं द्वारा पिंडदान के समय उपयोग किए जा रहे नदी के पानी की स्वच्छता बनाए रखने के लिए बाएं तट पर 752 मीटर की लंबाई में भूमिगत मनसरवा नाला का भी निर्माण किया गया है।

गया से मनोज कुमार की रिपोर्ट 

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