हिंदू संस्कृति में अपने पूर्वजों के सम्मान के लिए समर्पित है पितृ पक्ष (Pitru Paksh) का 16 दिन. इस दौरान, हिंदू अपने पूर्वजों को सम्मान देने, उनकी आत्मा की शांति और आशीर्वाद के लिए श्राद्ध अनुष्ठान करते हैं. यह कृतज्ञता व्यक्त करने और यह सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण समय है. ताकि पूर्वजों की आत्मा को मोक्ष मिले. हालांकि, पितृ पक्ष(Pitru Paksh) के दौरान भक्त कई आहार प्रतिबंधों का पालन करते हैं, क्योंकि यह समय आध्यात्मिक महत्व से चिह्नित होता है और इसमें कुछ रीति-रिवाजों का सख्ती से पालन करना शामिल होता है. श्राद्ध अनुष्ठानों के आवश्यक तत्व माना जाता है. इसलिए अगर आप पितृ पक्ष(Pitru Paksh) का पालन कर रहे हैं. तो इस दौरान आपको इस प्रकार का खाना नहीं खाना चाहिए.
1. हिन्दु धर्म शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष में मांस, मछली, अंडे और किसी भी तरह के मांसाहारी भोजन का सेवन वर्जित है. क्योंकि मांसाहारी भोजन आध्यात्मिक वातावरण को बिगाड़ता है. भक्तों को इस दौरान शुद्धता बनाए रखने के लिए शुद्ध शाकाहारी भोजन करना चाहिए.
2. प्याज और लहसुन:
प्याज और लहसुन को तामसिक भोजन माना गया है. इसको खाने से नकारात्मकता और सुस्ती को बढ़ाता है. इससे परहेज करना चाहिए. क्योंकि अनुष्ठानों के दौरान आवश्यक शांतिपूर्ण आध्यात्मिक वातावरण को ये बिगाड़ सकते हैं.
3. शराब और तंबाकू
पितृ पक्ष के दौरान शराब, तंबाकू और किसी भी तरह के नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए. माना जाता है कि नशीले पदार्थ आध्यात्मिक प्रक्रिया में बाधा डालते हैं. शरीर को दूषित करते हैं, जिससे यह पवित्र अनुष्ठान करने के लिए अयोग्य हो जाता है.
4. अमावस्या पर अनाज और दालें
पितृ पक्ष के आखिरी दिन, जो अमावस्या है, चावल, गेहूं और दाल जैसे अनाज से परहेज करते हैं.
5. अत्यधिक मसालों के साथ पकाया गया भोजन
पितृ पक्ष के दौरान मसालेदार और तैलीय भोजन से भी परहेज करना चाहिए. सरल, सात्विक भोजन करना चाहिए. जो हल्का और पचने में आसान हो. क्योंकि इस प्रकार का भोजन पवित्रता और सादगी को दर्शाता है, जो पूर्वजों से जुड़ने के लिए महत्वपूर्ण है.