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पीएम मोदी नहीं होंगे राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के मुख्य यजमान, 22 जनवरी को ये करेंगे सपत्नीक पूजन विधान

पीएम मोदी नहीं होंगे राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के मुख्य यजमान, 22 जनवरी को ये करेंगे सपत्नीक पूजन विधान

DESK. राम जन्मभूमि के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मुख्य यजमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं होंगे. पहले यह दावा किया जा रहा था कि पीएम मोदी ही मुख्य यजमान होंगे. लेकिन अब राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से जो खबरें आ रही हैं उसके अनुसार पीएम मोदी सिर्फ प्रतीकात्मक रूप से वहां मौजूद रहेंगे. वहीं मुख्य यजमान सहित पूजन के सभी विधान निभाने की जिम्मेदारी अनिल मिश्रा करेंगे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा इस कार्यक्रम के मुख्य यजमान होंगे. अनिल मिश्रा सपत्निक वहां मुख्य यजमान के रूप में शामिल होकर सभी विधान संपन्न कराएंगे. 

अनिल मिश्रा के अलावा वहां अन्य यजमान होंगे. मुख्य कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल होंगे. अनुष्ठान के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को विशेष मंत्र बताए गए हैं. पीएम मोदी के साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी प्राण प्रतिष्ठा विधान के दौरान मौजूद रहेंगे.

रामलला प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी 2024 को शुभ मुहूर्त निकाला गया है. इस दिन अयोध्‍या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही देशभर के सैकड़ों गणमान्‍य लोग शामिल होंगे. पीएम मोदी ने देश वासियों से अपील की है कि वे इस दिन अपने-अपने घरों में दीपक जलाएं. राम मंदिर में प्राण प्रतिष्‍ठा की तैयार‍ियां जोरशोर से चल रही हैं. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई मूर्ति गर्भ गृह में लगेगी.

प्राण प्रतिष्ठा को लेकर विधवत पूजा अनुष्ठान आज से शुरू होने वाला है. सबसे पहले प्रायश्चित पूजा से प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की विधवा शुरुआत होगी. आचार्य प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन की विधि कराएंगे. ये पूजा लगभग 5 घंटे तक चलेगी. इसमें यजमान प्रायश्चित पूजन से पूजा की शुरुआत करेंगे.

अयोध्या में आज से प्राण प्रतिष्ठा पूजा की शुरुआत हो रही है जो 22 जनवरी तक जारी रहेगी. सुबह साढ़े 9 बजे से शुरू होने वाले पूजन में 121 ब्राह्मण शामिल होंगे. पूजा की शुरुआत प्रायश्चित पूजा से की जाएगी. पूजा में मुख्य यजमान शारीरिक, मानसिक और बाह्य तरीके से प्रायश्चित करेंगे. इस दौरान मुख्य यजमान 10 विधि से स्नान करेंगे. इसके बाद कर्म कुटी पूजा की जाएगी. पहले दिन करीब 5 घंटे पूजा चलेगी.

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