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पीएम मोदी के नाम पर बांट रहा था दो करोड़ लैपटॉप, साइबर सेल ने दबोचा

पीएम मोदी के नाम पर बांट रहा था दो करोड़ लैपटॉप, साइबर सेल ने दबोचा


NEWS4NATION DESK : आईआईटी पोस्ट ग्रैजुएट एक युवक को दिल्ली साइबर सेल ने गिरफ्तार किया है। युवक ने फर्जी सरकारी योजना के नाम पर 15 लाख लोगों का डाटा चोरी किया। हालांकि डेटा बेचने से पहले ही पुलिस ने उसे दबोच लिया।

बताया जा रहा है कि केन्द्र में नई सरकार का गठन होते ही आईआईटी से पोस्ट ग्रेजुएट युवक ने नकली वेबसाइट बनाकर युवाओं को फ्री में दो करोड़ लैपटॉप बांटने का झांसा दे डाला। यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना को माध्यम बनाकर किया गया, जिससे कि अधिक से अधिक यूथ इससे झांसे में आकर उसकी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराएं। 15 लाख लोगों ने उसकी वेबसाइट को देखा भी और 68 हजार ने क्लिक भी किया। मामला सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो दिल्ली साइबर सेल की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया।

स्पेशल सेल की साइबर क्राइम यूनिट ने बताया कि इस मामले में दो युवकों को राजस्थान के नागौर से गिरफ्तार किया गया है। मास्टर माइंड का नाम राकेश है।  23 साल के राकेश ने इसी साल एमटेक किया है। मामले में इसका साथ चाचा का लड़का भी दे रहा था। वह 12वीं पास है। उसे भी पकड़ लिया गया है। उसे राजस्थान से दिल्ली लाया जा रहा है। 

पुलिस ने बताया कि इसने www.modi-laptop.wishguruji.com नकली वेबसाइट बनाई थी, जिसमें इसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोटो और मेक इन इंडिया का लोगो भी यूज किया था। यह सब फर्जीवाड़ा करने के पीछे इसका मकसद लोगों का डेटा चुराना और रजिस्ट्रेशन करने वाले यूथ से रजिस्ट्रेशन के रूप में लाखों रुपये कमाना था। लेकिन इससे पहले ही इसे पकड़ लिया गया। 

हालांकि अभी तक सेल को यह पता नहीं लग पाया है कि इसने तीन दिनों में कितने लोगों को ठगा है। वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन के लिए यह आवेदक का नाम उसका मोबाइल नंबर और राज्य का नाम मांगता था। इसके बाद इस जानकारी को सब्मिट करने की बात कहता था।
 
पुलिस का कहना है कि इसने पूछताछ में बताया है कि आईआईटी से पासआउट होने के बाद उसकी हैदराबाद में नौकरी लग गई थी। लेकिन उसे कुछ अलग करके दिखाना था, जिसमें वह फेमस भी हो और पैसा भी कमाए। इसी वजह से उसने यह नकली वेबसाइट बना डाली। इसमें उसे यह फायदा होता कि जितने अधिक क्लिक मिलते, उतना ही उसे विज्ञापन के रूप में फायदा मिलता। इसके अलावा रजिस्ट्रेशन करने वाले यूथ का डेटा भी वह बेचता। मामले में सेल और अन्य एंगल से भी जांच कर रहा है कि इसके पीछे कुछ और लोग तो नहीं हैं।

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