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भारत की सबसे साइबर चोरी को पुलिस ने किया नाकाम, ऐसे बचे लखनऊ एकेटीयू विश्वविद्यालय के 120 करोड़ रुपए

भारत की सबसे साइबर चोरी को पुलिस ने किया नाकाम, ऐसे बचे लखनऊ एकेटीयू विश्वविद्यालय के 120 करोड़ रुपए

LUCKNOW : साइबर ठगी के रोज ही मामले सुनने में आते रहते हैं, लेकिन इस बार साइबर शातिरों ने जो किया, उससे सनसनी फैल गई है. यहां लखनऊ एकेटीयू विश्वविद्यालय के खाते से साइबर अपराधियों ने 120 करोड़ रुपये की रकम पार कर दी। पूरी रकम एक ट्रस्ट के खाते में ट्रांसफर की गई। सबकुछ इतना सुनियोजित तरीके से किया कि बैंक भी धोखा खा गया. ठगी की यह वारदात कई चरणों में पूरी की गई. जब तक बैंक को संदेह हुआ, साइबर ठग अपना काम पूरा कर चुके थे। साइबर क्राइम थाने में एकेटीयू की तरफ से 12 जून को एफआईआर दर्ज कराई गई थी। मामले में पुलिस टीम ने यूपी और गुजरात से सात साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। 

मामला लखनऊ में अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (AKTU) से जुड़ा है. फर्जी कागजात के आधार पर बैंक में खाता खोल जालसाजों ने यूनिवर्सिटी के 120 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर लिए. यह यूपी की अब तक की सबसे बड़ी ठगी मानी जा रही है. जानिए कैसे ठगों ने बैंक को अपने झांसे में लेकर 1 अरब से ज्यादा रुपये बड़ी आसानी से पार कर दिए।

पहले बैंक मैनेजर को किया फोन, ऐसे शुरू हुआ महाठगी का खेल

हजरतगंज की बापू भवन यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ब्रांच के मैनेजर अनुज सक्सेना ने साइबर क्राइम थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. जिसके मुताबिक, 3 जून को वो मनाली छुट्टियां मनाने गए हुए थे. इसी दौरान उनके पास डॉक्टर शैलेश कुमार रघुवंशी नाम के व्यक्ति की कॉल आई. उसने 100 करोड़ की एफडी के लिए ऑफर लेटर की मांग की. बैंक में इतनी बड़ी एफडी की बात सुन बैंक मैनेजर ने रघुवंशी को बैंक भेज दिया. इसी दौरान उनके पास एक अन्य व्यक्ति जय कुमार उर्फ एनके सिंह की कॉल आई. उसने खुद को अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ का वित्त अधिकारी बताया और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में खाता खोलने से संबंधित जानकारी मांगी. जिस पर उसे भी बैंक मैनेजर ने ब्रांच में जाने को कहा.

बैंक व विश्वविद्यालय की फर्जी मेल आईडी बनाया

बैंक मैनेजर अनुज के मुताबिक, उसके दूसरे दिन 4 जून को दूसरी कॉल करने वाले जय कुमार का एक आदमी ब्रांच आया और वहां एफडी का ऑफर लेटर लेकर चला गया. इसके बाद उसने यूनियन बैंक की फर्जी मेल आईडी बनाई और उससे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी की मेल आईडी पर एफडी का ऑफर लेटर भेज दिया. इतना ही नहीं, अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी की एक फर्जी मेल आईडी बनाकर बैंक की आधिकारिक मेल आईडी पर एक और ऑफर लेटर की मांग की.

बड़ी आसानी से खाते से 120 करोड़ रुपए किए ट्रांसफर

बैंक मैनेजर के मुताबिक, 5 जून को अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी के अधिकृत बैंक खाते से यूनियन बैंक के खाते में 120 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए. उसी दिन खुद को यूनिवर्सिटी का वित्त अधिकारी बताने वाले जय कुमार का आदमी अनुराग श्रीवास्तव बैंक आया और मुख्य खाता अधिकारी बताते हुए यूनिवर्सिटी के कुछ फर्जी कागजात के आधार पर यूनिवर्सिटी के नाम से एक अकाउंट खुलवाया. तत्काल एक चेक बुक भी इशू करवा लिया. इसके बाद धीरे-धीरे पूरे 120 करोड़ रुपए गुजरात की श्रद्धा एजुकेशन एंड चैरिटेबल ट्रस्ट में खाते ट्रांसफर कर दिए गए. जब बैंक में 120 करोड़ रुपए कम पाए गए तो इस पूरे लेनदेन की जांच करवाई गई. बैंक को मामला संदिग्ध लगा

119 करोड़ किए रिकवर

मामले में तीन टीम बनाई गई, इन तीन टीमों ने मिलकर सूरत से मास्टरमाइंड को दबोचा और फिर एक के बाद एक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया। 119 करोड़ रुपये की रिकवरी भी की। अपराधी सिर्फ एक करोड़ रुपये ही खर्च कर पाए थे। पुलिस ने गिरीश चंद्रा, शैलेश रघुवंशी, जोशी देवेंद्र प्रसाद, केके त्रिपाठी, दस्तगीर आलम, उदय पटेल और राजेश बाबू को गिरफ्तार किया है।


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