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'थानेदार' का आतंक! एक्साइज इंस्पेक्टर ने अपर मुख्य सचिव-DM को किया फोन, जांच भी हुई पर कार्रवाई नहीं

'थानेदार' का आतंक! एक्साइज इंस्पेक्टर ने अपर मुख्य सचिव-DM को किया फोन, जांच भी हुई पर कार्रवाई नहीं

PATNA: बिहार में 2016 से ही शराबबंदी है। शराबबंदी को सफल कराने को लेकर जिनके कंधे पर जिम्मेदारी है, वे ही शराब माफियाओं से मिले हुए हैं। सूबे में बालू और दारू से भारी कमाई हो रही है। बालू और शराब माफियाओं से पुलिस की मिलीभगत जगजाहिर है। दिखावे के लिए कार्रवाई भी होती है. इसके बाद भी पुलिसवालों में डर नहीं। 2021 में बालू के अवैध धंधे में शामिल कई पुलिस व अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई हुई थी। रोहतास और भोजपुर के एसपी भी बालू के अवैध खनन में नप गये थे। अब एक नया मामला बक्सर से सामने आया हैं जहां बालू और शराब माफियाओं को बचाने के लिए एक थानेदार एक्साइज इंस्पेक्टर से उलझ गया। इंस्पेक्टर ने मौके से ही अपर मुख्य सचिव और बक्सर डीएम को फोन किया. तब जाकर वह थानेदार पीछे हटे। पीड़ित इंस्पेक्टर के पत्र से इस बात का खुलासा हुआ है।हालांकि पत्र के तीन महीने से अधिक हो गये, जांच भी हुई पर कार्रवाई क्या हुई, किसी को पता नहीं।  

एक्साइज इंस्पेक्टर ने खोली पोल 

बक्सर से चौसा चेकपोस्ट पर तैनात मद्ध निषेध के इंस्पेक्टर दिलीप कुमार सिंह ने जिले के मुफस्सिल थानेदार की पोल खोली थी। उन्होंने विभाग के वरीय अधिकारी व जिले के डीएम को फोन कर बक्सर के मुफस्सिल थानेदार अमित कुमार की पोल खोली थी। पत्र में एक्साइज इंस्पेक्टर दिलीप कुमार सिंह ने बालू और शराब माफियाओं से थानेदार की मिलीभगत की शिकायत की थी.  पत्र में 14 मई 2022 की घटना का जिक्र किया गया था। थानेदार पर आरोप था कि चौसा चेक पोस्ट पर वाहन चेकिंग के दौरान थानेदार ने अश्लील शब्द का प्रयोग किया था और धक्का-मुक्की कर सरकारी कार्य को प्रभावित किया था.ऐसा बालू माफियाओं के पक्ष में आकर किया था। 

बालू माफियाओं से थानेदार की सांठगांठ 

बक्सर के मद्ध निषेध के अधीक्षक को लिखे पत्र में इंस्पेक्टर ने कहा था कि 14 मई को चौसा चेकपोस्ट से भागे वाहन को रेलवे ढाला चौसा से वापस चेक पोस्ट पर लाकर उसकी चेकिंग चल रही थी. उसी समय रात्रि में मुफस्सिल थाना अध्यक्ष अमित कुमार 20-25 अन्य लोगों के साथ पहुंचे और गाली गलौज करते हुए हाथापाई करने लगे. एक बार मेरे गर्दन पर जोरदार झटका भी दिया. उनके साथ आए अन्य लोग उनका साथ दे रहे थे. थानेदार की धक्का-मुक्की और जानलेवा हमला को देखकर हमने तुरंत अपर मुख्य सचिव को रात में 9:10 पर फोन कर जानकारी दी। हमने घटनास्थल से ही जिलाधिकारी बक्सर को भी सूचित किया था. इसके बाद मामला बढ़ता देख थानेदार पीछे हटने लगे. थानेदार अमित कुमार द्वारा जानबूझकर सरकारी कार्यों में बाधा उत्पन्न किया गया. इन तमाम घटनाओं के जड़ में बालू का कारोबार है. चौसा यादव मोड़ पर बालू माफियाओं का झुंड आता है. वह बराबर गाड़ी चेंज कर उत्तर प्रदेश आते जाते रहते हैं. चेकिंग के लिए गाड़ी घेरने पर विवाद किया जाता है और थाना के नाम से धमकी दिया जाता है।  उत्पाद विभाग के इंस्पेक्टर ने कहा है कि इस विवाद का जड़ मेरे द्वारा बालू संबंधित ट्रक को रोकना एवं इसकी सूचना खनन पदाधिकारी को देना है। यही वजह है कि बालू माफियाओं के पक्ष में थानेदार खड़े हो गए हैं.

डीएम ने एसडीओ से कराई थी जांच

मामला सामने आने के बाद बक्सर डीएम ने जांच बिठाई थी। एसडीओ को जांच का जिम्मा दिया गया था। उत्पाद अधीक्षक बक्सर ने बताया कि हमारे इंस्पेक्टर ने पत्र लिखा था. उस आधार पर जांच हुई, लेकिन जांच रिपोर्ट अब तक आई नहीं है। इससे अधिक वो बताने की स्थिति में नहीं थे।   

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