KHAGARIA: बिहार प्रदेश कांग्रेस के निर्देश पर बिहार के कई जिलों में एकदिवसीय धरने का आयोजन किया गया. इसी के आलोक में खगड़िया जिला कांग्रेस पार्टी ने समाहरणालय के पास एकदिवसीय धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम आयोजित किया. धरना प्रदर्शन की अध्यक्षता करते हुए खगड़िया जिला कांग्रेस के जिलाध्यक्ष कुमार भानु प्रताप उर्फ गुड्डू पासवान ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला.
कांग्रेस जिलाध्यक्ष भानु प्रताप कहा कि केंद्र सरकार ने किसान, किसानी और गांव को बर्बाद कर दिया है. मंडी व्यवस्था को खत्म कर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की व्यवस्था को खत्म करना चाहती है. केंद्र सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन करके खाद्यान्न सामग्री की जमाखोरी की खुली छूट बड़े-बड़े पूंजीपतियों को दे दी है. किसान का अनाज सस्ते दाम में खरीद कर सरकार अपने गोदाम भरेगी और जब बाजार में खाद्यान्न की कमी होगी तो अधिक दामों में बेचकर मुनाफा कमाएगी. कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के नाम पर कंपनियां खाद, बीज, कीटनाशक और नकदी किसानों को उधार देकर किसान की उपज का दाम पहले ही तय कर लेगी. किसानों की आमदनी को सुनिश्चित करने का कोई प्रावधान नहीं है. किसान और कंपनी के विवाद का हल निकालने की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है, यह सरकारी ऑफिसर पर छोड़ दिया गया है.
बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून मजबूती से लागू होना चाहिए और माफियाओं पर अंकुश लगना चाहिए परंतु इस सरकार में शराब की होम डिलीवरी हो रही है. आज बिहार में लूट, हत्या, बलात्कार आम बात हो गई है. ऐसी घटनाओं पर सरकार सख्ती से कार्रवाई करें. 16 वर्षों के शासन काल में नीतीश सरकार ने एक भी उद्योग नहीं लगाया. आखिर क्यों बंद पड़ी चीनी मिलों को सरकारों ने पौने दामों में बेच रही है.
धरना- प्रदर्शन में बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पर्यवेक्षक कुंदन गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार के इस षडयंत्रकारी काले कानून का भुक्तभोगी वर्षों पहले ही बिहार का किसान हो चुका है. भाजपा गठबंधन की एनडीए सरकार ने 2006 में अनाज मंडी कानून समाप्त कर दिया था. पर्यवेक्षक विनय कुमार देव ने कहा कि केन्द्र सरकार ने किसानों की आमदनी दोगुनी करने की घोषणा की थी, लेकिन किसान विरोधी कानून लागू हो जाने के बाद किसानों की आमदनी आधी रह जायेगी तथा किसानों पर कर्ज और आत्महत्याएं दोगुनी हो जाना तय है. पर्यवेक्षक अजीत कुमार सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले कई सालों से कृषि उपज को खरीदना बंद कर चुकी है. वक्ताओं ने एक स्वर में किसान विरोधी तीन कृषि काले कानून को रद्द करने की मांग की यदि काले कानून को समाप्त नही किया तो कांग्रेस पार्टी आंदोलन तेज करेगी.