PATNA : आज यानी कि 22 मार्च को बिहार दिवस है. आज हमारा बिहार 109 साल का हो गया है. इस दौरान हमारे राज्य ने कई उतार चढ़ाव देखे, कई सरकारों को बनते- बिगड़ते और गठबंधन बनाते देखा. यह कहना गलत नहीं होगा कि बिहार ने खूब तरक्की कर ली है और लगातार आगे की ओर बढ़ रहा है. इसी बीच मौजूदा सरकार के राजनीतिक उतार चढ़ाव के बीच बिहार दिवस ‘फंस’ गया है. दरअसल इन दिनों बिहार में अपराध का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है, दिन-प्रतिदिन किसी ना किसी अपराध की घटनाओं से लोग दो चार होते ही रहते हैं. इसी मुद्दे को लेकर विपक्षी नेता सरकार पर हावी हैं और लगातार तंज कसते रहते हैं. बिहार विधानसभा के बजट सत्र में भी शराबबंदी की विफलता और बढ़ते अपराध पर लगातार विपक्ष हमलावर रहा है.
इसी बीच बिहार दिवस के मौके पर आरजेडी के तरफ से शहर के मुख्य चौराहे पर एक पोस्टर लगाया गया है जिसमें मौजूदा सरकार और खासकर नीतीश कुमार पर निशाना साधा गया है. पोस्टर में बिहार विधानसभा का मुख्य द्वार दिख रहा है जिसके आगे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री रेणु देवी बैठी दिख रही हैं. दोनों की ही आंखों पर काली पट्टी बंधी है जो इस बात की तरफ इशारा कर रही है कि सरकार जनता पर ध्यान नहीं देती है. पोस्टर पर एक वाक्य भी लिखा दिखाई देता है जो कि इस प्रकार है- “आइए धृतराष्ट्र रूपी बिहार सरकार में आपका स्वागत है”. इसके अलावा पोस्टर में दोनों तरफ काफी सारी तस्वीरें लगी हैं जिनमें बिहार सरकार की खामियां दिखाई गई है. हाल के दिनों में पटना में हुए बड़े अपराध जैसे चेन लूट, एटीएम से लूट संबंधी अपराधों का प्रतीकात्मक चित्र लगाकक सरकार पर निशाना साधा गया है. इसके अलावा रोजगार देने के मुद्दे और कृषि कानून के विरोध भी जताया गया है.
इसके अलावा इस पोस्टर में आगामी विधानसभा घेराव को लेकर चर्चा की गई है. बता दें कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कुछ दिनों पहले ही विधानसभा घेराव को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी जिसमें उन्होंने बताया था कि शराबबंदी में विफलता और बढ़ते अपराध के मुद्दे पर 23 मार्च को आरजेडी के नेता विधानसभा का घेराव करेंगे. जानने वाली बात यह है कि 23 मार्च को बिहार विधानसभा का सत्र जारी रहेगा और इस दिन सत्र में गृह विभाग की तरफ से एक विधेयक पर बहस की जाएगी. इस विधेयक के तहत बिहार पुलिस को पूरा अधिकार मिलेगा कि वह आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को त्वरित कार्रवाई कर गिरफ्तार कर सके. इस विधेयक को लेकर भी विपक्षी नेताओं ने विरोध जताया है और इसे काला कानून बताकर विरोध जताया है.