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बिहार में शुरू हुई सियासी जंग : CM नीतीश को जवाब देने के लिए बिहार आ रहे हैं भाजपा के तमाम दिग्गज, मिशन-35 की होगी शुरूआत

बिहार में शुरू हुई सियासी जंग : CM नीतीश को जवाब देने के लिए बिहार आ रहे हैं भाजपा के तमाम दिग्गज, मिशन-35 की होगी शुरूआत

PATNA : 2024 के लोकसभा चुनाव में अभी लगभग दो साल का समय बाकि है, लेकिन बिहार में अभी से ही इसको लेकर रणनीति बनाने का काम शुरू  हो गया है। जहां आज सीएम नीतीश कुमार और तेलगांना के सीएम के चंद्रशेखर राव मुलाकात कर लोकसभा चुनाव को लेकर ठोस योजना बनाने की तैयारी में हैं। वहीं नीतीश कुमार को जवाब देने के लिए भाजपा ने अब अपनी कमर कस ली है। भाजपा की तरफ से इसी माह से अपने तमाम दिग्गज नेताओं को बिहार में उतारने जा रहा है। जिसकी शुरूआत खुद गृह मंत्री अमित शाह करनेवाले हैं, जो आगामी 23-24 सितंबर को पूर्णिया और किशनगंज में बड़ी सभा करने जा रहे हैं।

योगी, फड़वनीस, हेमंत बिस्वा आएंगे बिहार

जहां अमित शाह बड़ी रैली करने जा रहे हैं। वहींबिहार के नौ प्रमंडलीय मुख्यालयों में नौ बड़े नेताओं की रैली कराने जा रही है। जिसमें प्रमुख रूप से यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, नाथ (UP CM Yogi Adityanath), महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस (Devendra Fadnavis), मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा (Himanta Vishwa sarma)  के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ तीन और राष्ट्रीय नेताओं की रैली प्रमंडलीय मुख्यालयों में कराने की तैयारी है।


मिशन -35 की शुरुआत

बिहार में लोकसभा की 40 सीटों में को लेकर भाजपा मिशन-35 पर काम कर रही है। ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 23-24 सितंबर को बिहार के सीमांचल से इस लक्ष्य का श्रीगणेश करेंगे। 

देश के गृहमंत्री अमित शाह अगले महीने की 23 और 24 तारीख को अमित शाह बिहार दौरे पर रहेंगे। दो दिनों के बिहार दौरे में उनका केंद्र सीमांचल रहेगा। सीमांचल से मिशन की शुरूआत करने का कारण भी सामने आया है। बताया गया कि जदयू के ज्यादातर सांसद सीमांचल के हैं। साथ ही राजद और जदयू का मजबूत पक्ष सीमांचल का क्षेत्र ही रहा है। जहां अगर भाजपा सेंध लगाने में कामयाब होती है,  तो बिहार के दूसरे हिस्सों में भाजपा को अपने मिशन में कामयाबी मिलने के आसार काफी हद तक बढ़ जाएंगे।

भाजपा के लिए परेशानी 

वर्तमान में भाजपा के साथ लोजपा के दो गुट के अलावा कोई और सहयोगी नहीं है। इसे ध्यान में रखते हुए भाजपा के रणनीतिकार लक्ष्य को आसान बनाने की पटकथा भी लिख रहे हैं। टुकड़े-टुकड़े में बंटे वोट को जोड़ने और मौजूदा वोट बैंक को साधने की समीकरण पर भी पार्टी नेताओं की नजर होगी। 


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