गया- पूर्व कृषि मंत्री और राजद विधायक कुमार सर्वजीत ने बिहार में 65% आरक्षण नहीं मिलने पर प्रतिक्रिया देते हुए पूछा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दलितों पिछड़ों की हित के लिए जब-जब फैसला लेते हैं तो उनके साथ बैठे कौन लोग हैं जो न्यायालय के शरण में जाते हैं. दलितों के ऊपर फैसला आता है उसे समाप्त करने के लिए कौन सी ऑफिस कम कर रही है! उन्होंने कहा कि न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हैं तो उसे भी उजागर करें.
कुमार सर्वजीत ने दुख जताते हुए कहा कि चिराग पासवान और जीतनराम मांझी उसी सरकार की मंत्री है. वह भी दलित नेता है पार्लियामेंट में बजट के समय रिजर्वेशन के मामले में एक भी शब्द नहीं कहा.
उन्होंने मांग रखी कि 65% आरक्षण के संविधान के नौवीं सूची में शामिल किया जाए. नौवीं सूची में डाल देने से न्यायालय का मामला समाप्त हो जाता है. वहीं 65% आरक्षण लागू नहीं होने से बाबा भीमराव अंबेडकर का सपना चूर-चूर हो जाएगा. उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने और आरक्षण दिए जाने पर इस मसले पर हमसे डिबेट करें मैं तैयार हूं.
रिपोर्ट- मनोज कुमार