PATNA: एक तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार के उपमुख्यमंत्री सहित अन्य माननीय जनसंख्या नियंत्रण को लेकर रोज अपने नए-नए बयान दर्ज करा रहे हैं। वहीं बिहार में भी जनसंख्या नियंत्रण पर यूपी मॉडल अपनाने की बात कही जा रही है। नीतीश कुमार ने तो पंचायत चुनाव में दो से अधिक बच्चे वालों के लिए चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा भी कर दी है। वहीं दूसरी तरफ राजधानी पटना की गोद में बसे फुलवारी शरीफ में कोविड 19 की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है परिवार नियोजन पखवाड़ा।
पटना के फुलवारी शरीफ में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के नियोजन काउंटरों पर सन्नाटा पसरा है। दूर-दराज के गांव देहात में लाख प्रचार प्रसार के बाद भी यहां परामर्श के लिए लोग नहीं आ रहे हैं। आपको बताते चलें कि सरकार द्वारा 11 जुलाई से 31 जुलाई 2021 तक जनसंख्या स्थिरता पखवारा का आयोजन किया है। इसके लिए काफी प्रचार प्रसार किए गए। स्वास्थ्य केंद्र पर काउंटर भी खोला गया। इस काउंटर पर उपस्थित ANM महिलाओं और पुरुषों को जनसंख्या नियंत्रण से संबंधित सभी बातों को विस्तार से जानकारी दे रहे हैं। इतना ही नहीं महिलाओं और पुरुषों को गर्भनिरोधक दवाइयां और सलाह भी दी जा रही है। इसके अलावा कम उम्र में लड़के या लड़कियों की शादी, तन-मन के लिए कितनी हानिकारक है, इसकी जानकारी भी नियोजन काउंटर पर दिया जाना है। शादी के बाद पहले बच्चे में और दूसरे बच्चे में जन्म का अंतर, शिशु स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और मां को अपने बच्चों के प्रति देखभाल से संबंधित बातों की जानकारी नियोजन काउंटर पर दिया जाना है।
फिलहाल स्थिति यह है कि 11 जुलाई से शुरू हुए इस जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के तीसरे दिन भी नियोजन काउंटर पर सन्नाटा पसरा रहा। इस मामले को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ आर के चौधरी ने बताया कि सप्ताह में 3 दिन व्याकरण का ऑपरेशन होता है। इसमें सोमवार, बृहस्पतिवार और शनिवार को लोगों को ऑपरेशन के लिए बुलाया जाता है। उन्होंने बताया कि 20 दिनों में 50 ऑपरेशन का लक्ष्य रखा गया है। परिवार नियोजन पखवारा के लिए 200 से अधिक आशा कार्यकर्ताओं को लगाया गया है। इस बार कोरोना की वजह से लोग आने में भी कतरा रहे हैं और इस वजह से यहां सन्नाटा छाया हुआ है।