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मोतिहारी में हवाई अड्डा शुरू करने की संभावना बढ़ी, निर्माण के लिए उपलब्ध कराई गई जरुरी जमीन

 मोतिहारी में हवाई अड्डा शुरू करने की संभावना बढ़ी, निर्माण के लिए उपलब्ध कराई गई जरुरी जमीन

MOTIHARI :  मोतिहारी के रक्सौल में हवाई अड्डा बनने का रास्ता साफ हो गया है। मोतिहारी डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने रक्सौल में हवाई अड्डा बनाने के लिए जमीन उपलब्ध कराते हुए विभाग व मंत्रालय को पत्र भेजा है। डीएम ने  जिला राजस्व शाखा के माध्यम से निदेशक संचालक, सिविल विमानन निदेशालय, मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग, हवाईअड्डा, पटना को पत्र लिखा गया है ।अगर सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही मोतिहारी वासियों को हवाई यात्रा का सुविधा मिलना शुरू हो जाएगा।

152 एकड़ जमीन की पहले से अर्जित

मोतिहारी के  रक्सौल हवाई अड्डा के लिए 5 मौजाओं में पांच जमाबंदी संख्या कुल रकबा 152 . 775 एकड़ भूमि पूर्व से ही अर्जित है । हवाई अड्डा की जमाबंदी भारतीय विमान पत्तन प्राधिकार के नाम से संधारित है । उक्त भूमि की मापी अंचल अमीन से कराई गई है । वर्तमान में भूमि में चाहरदीवारी किया हुआ है जो अतिक्रमित नहीं है।

उक्त प्रसांगिक पत्र से हवाई अड्डा रक्सौल संबंधी प्राप्त प्रतिवेदन एवं हवाईअड्डा के लिए अर्जित भूमि की पैमाइश नक्शा की प्रति इस पत्र के साथ भेजते हुए अनुरोध है कि हवाई अड्डा रक्सौल के निर्माण एवं संचालन हेतु आवश्यक अग्रेत्तर कार्रवाई करने की जाए।

बता दें कि बिहार में मोतिहारी के अलावा पूर्णिया, मुजफ्फरपुर, भागलपुर में भी एयरपोर्ट निर्माण का प्रस्ताव है। जिसमें एक माह पहले ही पूर्णिया में एयरपोर्ट के लिए जरुरी जमीन उपलब्ध कराई गई है। माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक पूर्णिया में एयरपोर्ट निर्माण पर काम शुरू हो सकता है।

1960 में हुआ रक्सौल में एयरपोर्ट का निर्माण

रक्सौल में भारत-चीन के बीच उत्पन्न तनाव के मद्देनजर 1960 में इसका निर्माण किया गया था। 1962 तक योजनाबद्ध तरीके से इसका आधुनिकीकरण व रख-रखाव चलता रहा। 1968 में रक्सौल, मुजफ्फरपुर व भागलपुर के लिए कलिंग एयर सर्विस शुरू हुआ। इसके बाद से सरकार ने राजस्व व सुरक्षा की दृष्टि से अतिमहत्वपूर्ण एयरपोर्ट को नजर अंदाज कर दिया, जिससे 70 के दशक के बाद से उड़ानें बंद हो गईं। इस बीच नेता-अभिनेता चुनावी सभा व आमसभा के लिए एयरपोर्ट पर आते रहे। अंतिम बार 5 अगस्त 2011 को रक्सौल एयरपोर्ट पर एयर एंबुलेंस उतरी थी।


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