Dhirendra Shastra on caste census: जातीय जनगणना नहीं, अमीर-गरीब की हो गिनती! , जातिगत जनगणना को लेकर ये क्या बोल गए पंडित धीरेंद्र शास्त्री- कहा “देश बचाना है तो आर्थिक आधार पर होनी चाहिए गणना”

Dhirendra Shastra on caste census:बिहार में जातीय जनगणना को लेकर राजनीतिक गलियारों में जहाँ बयानबाज़ी का दौर जारी है, वहीं बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने इस बहस को एक नए मोड़ पर ला खड़ा किया है।

Pandit Dhirendra Shastri
“देश बचाना है तो आर्थिक आधार पर होनी चाहिए गणना”- फोटो : reporter

Dhirendra Shastra on caste census: राजनीतिक गलियारों में जहाँ जातीय जनगणना को लेकर क्रेडिट लेने की होड़ मची है, वहीं बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री ने इस मुद्दे पर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि देश में जातीय जनगणना के बजाय दो गणनाएँ होनी चाहिए: "अमीर कितने हैं और गरीब कितने हैं."

मंगलवार देर शाम मुजफ्फरपुर के श्री श्री 1008 विष्णु महायज्ञ में शिरकत करने पहुँचे बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने अपने दिव्य दरबार के बाद मीडिया से बातचीत में यह बात कही. उन्होंने तर्क दिया कि अगर अमीर और गरीब की गणना होगी, तो गरीबों के उत्थान के लिए उचित योजनाएँ बनाई जा सकेंगी, जिससे देश का विकास होगा.

धीरेंद्र शास्त्री ने जोर देकर कहा, "ऐसा होगा तो देश बचेगा, ऐसा होगा तो देश बढ़ेगा, देश सुरक्षित रहेगा. गरीबों का भला होगा तो क्षेत्र का विकास होगा और क्षेत्र का विकास होगा तो प्रदेश का विकास होगा और प्रदेश का विकास होगा तो देश का विकास होगा और देश का विकास होगा तो भारत विश्व गुरु होगा."

उन्होंने राजनीतिक दलों पर निशाना साधते हुए कहा, "लेकिन हम लोग पड़े हुए हैं जातीय जनगणना में, हम लोग पड़े हैं जाति में." उन्होंने एक महत्वपूर्ण संदेश देते हुए कहा, "कभी भी कंधों से ऊपर छाती नहीं होती और धर्म से बढ़कर कोई जाति नहीं होती."

धीरेंद्र शास्त्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बिहार में जातीय जनगणना का मुद्दा काफी चर्चा में है और इस पर विभिन्न राजनीतिक दल अपनी-अपनी राय दे रहे हैं. उनके इस बयान से इस बहस को एक नया आयाम मिल सकता है.

रिपोर्ट- मणिभूषण शर्मा