पटना- लोकसभा चुनाव से ठीक पहले विपक्ष को बड़ा मनोवैज्ञानिक झटका देने के लिए भाजपा ने एक बार फिर से बिहार के सीएम नीतीश कुमार को गले लगाया है. ये कहना है जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर का. उन्होंने कहा नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा अजेय नहीं है, लेकिन विपक्ष ने भाजपा को बैकफुट पर लाने के कई मौके खो दिए हैं.
प्रशांत किशार ने राहुल की रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि चुनाव से दो महीने पहले यात्रा पर निकलने का कांग्रेस नेता राहुल गांधी का कदम सबसे गलत निर्णय था क्योंकि सेना के कमांडर जब अपनी बटालियन युद्ध में होते हैं तो मुख्यालय नहीं छोड़ते हैं और यह वह समय है जब उन्हें मणिपुर के बजाय दिल्ली में रहना चाहिए.
प्रशांत किशोर ने एनडीए को नीतीश कुमार मिले क्योंकि वे इस धारणा को खत्म करना चाहते थे कि इंडिया नाम का एक विपक्षी गठबंधन है. इंडिया के संस्थापकों में से एक को हटाकर भाजपा ने विपक्ष को एक बड़ा मनोवैज्ञानिक झटका दिया है. ऐसा नहीं है कि भाजपा नीतीश के बिना बिहार नहीं जीत सकती या बिहार में राजनीति नहीं कर सकती. उन्होंने कहा कि भाजपा बिहार की राजनीति से परिचित है और तथ्यों को समझती है.नीतीश को एनडीए के साथ लाना एक रणनीति है जहां उन्होंने युद्ध जीतने के लिए लड़ाई हारने का फैसला किया है.