सारण में 'प्रशांत किशोर' का धमाल...PK ने ऐसा किया धमाका जिससे बड़े-बड़े धुरंधर हो गए चारो खाने चित्त, 'जनसुराज' की रणनीति हो गई कामयाब

पटनाः बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर ने बड़ा धमका किया है. विप चुनाव में पीके के जलवा के आगे राजनीतिक दलों के बड़े-बड़े धुरंधर चारो खाने चित्त हो गए। जनसुराज ने ऐसी चाल चली जिसे राजनीतिक दल समझ नहीं पाए. अब प्रशांत किशोर ने भाजपा-राजग व जेडीयू के लिए चिंता काफी बढ़ा दी है। सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में जिस तरह से जनसुराज समर्थित उम्मीदवार का प्रदर्शन रहा, यह सबको आश्चर्यचकित कर दिया है. बताया जाता है कि अक्टूबर 2022 जबसे प्रशांत किशोर ने जनसुराज यात्रा की शुरूआत की है तभी से वे चंपारण-सारण क्षेत्र में ही हैं. उसी की नतीजा है कि सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में पीके समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार ने चुनावी बाजी पलट दी.
सारण में प्रशांत किशोर का जलवा
बिहार विधान परिषद की पांच सीटों की मतगणना बुधवार को सुबह आठ बजे से जारी है। विप की गया स्नातक निर्वाचन क्षेत्र, सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र, गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र, कोसी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र और सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं। इन सभी जगहों पर चुनाव परिणाम देर रात तक पूरी तरह से साफ हो जायेगा. सबसे पहले रिजल्ट कोसी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से आया. जदयू के डा. संजीव सिंह ने फिर से जीत दर्ज की है। प्रथम वरीयता वाले वोटों की गिनती में ही उन्हें जीत मिली। सारण शिक्षक क्षेत्र ने सबको चौंका दिया है. केदार पांडेय के निधन से खाली सीट पर उप चुनाव हुए। इस बार इस सीट पर महागठबंधन ने केदार पांडेय के बेटे आनंद पुष्कर को उम्मीदवार बनाया था. वहीं बीजेपी ने धर्मेंद्र सिंह को चुनावी मैदान में उतारा. जबकि जयराम यादव और आफाक अहमद निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे. इसी बीच जनसुराज यात्रा पर निकले प्रशांत किशोर ने बड़ी राजनीतिक चाल चलते हुए आफाक अहमद को अपना समर्थन दे दिया. नतीजा हुआ कि पीके समर्थित उम्मीदवार ने सबको बेचैन कर दिया. सिर्फ बेचैन ही नहीं किया बल्कि सभी कैंडिडेट को पीछे छोड़ दिया. भाजपा के धर्मेंद्र सिंह कहीं टिक नहीं पाए। पूर्व एमएलसी केदार पांडेय जिनकी सीटिंग सीट थी, उके बेटे आनंद पुष्कर की भी हालत पतली कर दी.
जनसुराज यात्रा ने सारण सीट पर संजीवनी का किया काम
बता दें, प्रशांत किशोर ने 2 अक्टूबर 2022 से चंपारण से जनसुराज यात्रा की शुरूआत की थी. तभी से वे पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सारण के इलाके में हैं. यात्रा के क्रम में ही प्रशांत किशोर ने सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में बड़ी राजनीतिक चाल चल दी। उन्होंने सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी आफाक अहमद का समर्थन कर दिया. चंपारण के रहने वाले आफाक अहमद ने चंपारण का फायदा उठाया. बाकि कैंडिडेट सारण,सिवान,गोपालगंज में बंटी रही. इधर, आफाक अहमद पूर्वी और पश्चिमी चंपारण के शिक्षक वोटरों को अपने पाले में करने में कामयाब रहे. प्रशांत किशोर के समर्थन से शिक्षकों के बड़ी जमात ने जनसुराज समर्थित उम्मीदवार को अपना मत दे दिया.
जनसुराज की मिहनत का प्रतिफल
प्रशांत किशोर की कोर टीम में शामिल पूर्वी चंपारण के राणा रंजीत सिंह कहते हैं कि हमलोगों ने बड़ी रणनीति के तहत काम किया. हमने चंपारण पर पूरा फोकस किया. संयुक्त चंपारण मिलाकर शिक्षकों का बड़ा वोट था. लिहाजा उस पर फोकस किया गया. हमलोगों की कोशिश थी कि जो शिक्षक हमारे उम्मीदवार को प्रथम वरीयता देने में असमर्थ थे, उन्हें हमलोगों ने द्वितीय वरीयता का वोट देने के लिए तैयार किया. शिक्षक वोटरों ने ऐसा ही किया. नतीजा हम सब के सामने है. जनसुराज व पीके की टीम के सदस्य राणा रंजीत सिंह कहते हैं कि हमने पूर्वी चंपारण के तीन विधानसभा क्षेत्र जो शिवहर लोकसभा क्षेत्र में आता है वहां काफी काम किया. हमने मधुबन, ढाका और चिरैया के शिक्षकों को जनसुराज समर्थित उम्मीदवार के पक्ष में गोलबंद किया.इसमें बड़ी सफलता मिली. जनसुराज टीम व प्रत्याशी आफाक आलम के संयुक्त प्रयास का नतीजा बेहद ही सकारात्मक है.