एनडीए सांसदों के साथ प्रधानमंत्री की आज से 11 दिन तक होगी बैठक, चुनाव की तैयारी सहित कई मुद्दे पर होगी चर्चा

एनडीए सांसदों के साथ प्रधानमंत्री की आज से 11 दिन तक होगी  बैठक, चुनाव की तैयारी सहित कई मुद्दे पर होगी चर्चा

NEW DELHI : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर इस सप्ताह संसद में वोटिंग होनी है। जिसको लेकर विपक्ष उत्साहित नजर आ रहा है। वहीं दूसरी तरफ प्रस्ताव से पहले आज प्रधानमंत्री ने एनडीए के सभी सांसदों के साथ बैठक करने जा रहे हैं। हालांकि बैठक का उद्देश्य चुनाव की तैयारियों को लेकर बताया जा रहा है।

10 अगस्त दिन तक चलेगी बैठक

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए एनडीए गठबंधन को और मजबूत करने के इरादे से सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों के समूहों की बैठक सोमवार से लेना शुरू करेंगे. बैठकों का यह दौर 10 अगस्त तक जारी रहेगा.

बैठक की शुरुआत वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बुंदेलखंड और ब्रज क्षेत्र के सांसदों के साथ करेंगे. भाजपा के सूत्रों के अनुसार इससे पहले मंगलवार को दिल्ली में आयोजित भाजपा नेताओं की एक बैठक में यह तय किया गया था कि एनडीए सांसदों के दस समूहों में कौन- कौन शामिल होंगे. बता दें कि एनडीए के संसदीय क्षेत्रों के आधार पर सांसदों के दस समूहों को बनाया जा चुका है. सोमवार को बैठक की शुरुआत शाम को महाराष्ट्र सदन में होगी. बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल रहेंगे.

सोमवार को ही दूसरे चरण की बैठक प. बंगाल, झारखंड और ओड़िशा के एनडीए सांसद शामिल होंगे. यह बैठक भी सोमवार संसद भवन में बैठक होगी. इसमें भी अमित शाह और राजनाथ सिंह शामिल रहेंगे. सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, अमित शाह, राजनाथ सिंह के साथ जेपी नड्डा को एनडीए नेताओं के साथ संयोजन करने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.

भाजपा के लिए सबसे अधिक लोकसभा सीटों के कारण उत्तर प्रदेश की अहमियत सबसे ज्यादा है. मिशन 80 की तैयारियों में जुटी भाजपा यहां से सभी सीटों को जीतकर अपनी बढ़त बनाए रखना चाहती है, लेकिन सुभासपा, अपना दल (एस) और निषाद पार्टी के साथ आने से उसके लिए सबको सीटों में भागीदारी देना अनिवार्य होगा. कुछ नए क्षेत्रीय दल भी शीघ्र ही उसका हिस्सा बन सकते हैं. ऐसे में सीटों के तालमेल को लेकर पार्टी की परेशानी बढ़ सकती है. पिछले लोकसभा चुनाव में ही यह तनाव सतह पर आ गया था, जब अपना दल ने अधिक सीटों की दावेदारी कर भाजपा की समस्या बढ़ा दी थी.

उधर पूर्वोत्तर में भाजपा ने अनेक छोटे- छोटे दलों को साथ लाकर अपने सहयोगी दलों की संख्या बड़ा करने की कोशिश की है, लेकिन उसके इस कदम ने उसी को परेशानी में डाल दिया है. पूर्वोत्तर में कुल 26 सीटें हैं. इन सभी दलों को भागीदारी देने के लिए उन्हें कम से कम एक सीट भी दी जाए, तो भाजपा के अपने खाते में सीटों की संख्या बहुत कम हो जाएगी.

इन जटिल राजनीतिक परिस्थितियों के बीच भाजपा नेतृत्व ने 160 अपेक्षाकृत कमजोर सीटों की पहचान की है, जिसमें गठबंधन अतिरिक्त प्रयास करके जीत सुनिश्चित करेगा. भाजपा के नेतृत्व में एनडीए में कुल 38 दल शामिल हैं. भाजपा का एनडीए के साथ 25 सालों का नाता है जिसे वह 2024 के चुनाव में और पुख्ता करना चाहती है.

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