पटना. शराबबंदी को सफल बनाने के लिए बिहार सरकार ने मद्य निषेध उत्पाद विभाग को बड़ी जिम्मेदारी दी है, लेकिन शराबबंदी वाले बिहार में मद्य निषेध विभाग के कार्यालय के बाहर ही हर ब्रांड की शराब की बोतलें बिखरी मिली है। इससे मद्य निषेध उत्पाद विभाग पर सवाल उठ खड़ा हुआ है।
पटना के उत्तरी छोड़ पर कलेक्ट्रेट घाट के समीप मद्य निषेद्य उत्पाद विभाग के आयुक्त किशोर कुमार साह का कार्यालय है। यहां विभाग द्वारा जब्त कई चार पहिया वाहनों के नीचे व चारों ओर शराब की खाली बोतलें बिखरी मिली है। एक ओर जिस विभाग पर शराबबंदी को प्रभावी बनाने की जिम्मेदारी है, वहीं शराब की खाली बोतलें कैम्पस के चारों ओर मिलना कई सवाल खड़े कर रहे हैं।
बिहार में वर्ष 2016 से शराब बेचने और पीने पर सरकार द्वारा पाबंदी लगायी गयी है। अब 6 साल पूरे होने के बाद भी बिहार में शराबबंदी की खुलेआम धज्जियां उड़ती हुई नजर आ रही है। एक तरफ सरकार और विभाग ने अपनी पूरी ताकत ड्रोन और हेलिकॉप्टर में झोंक रखी है, ताकि बिहार में अवैध शराब की बिक्री न हो। लेकिन फिर भी इन नियमों की धज्जियां उड़ रही है।
पटना से अनिल कुमार की रिपोर्ट