GORAKHPUR: जिले में बहुचर्चित प्रॉपर्टी डीलर हत्याकांड में एक के बाद एक खुलासे होते जा रहे हैं। जहां पुलिस इस मामले को पुरजोर कोशिश कर दबाने में जुटी हैं, वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पुलिस की बर्बरता का काला चिट्ठा खोलकर रख दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साफ तौर पर लिखा है कि उनकी बर्बरतापूर्ण तरीके से पिटाई की गई थी। शरीर के ज्यादातर अंगो पर गहरे जख्म हैं और वक्त पर इलाज ना मिल पाने की स्थिति में उनकी मौत हुई है।
इनसब के बीच मामले में कई राजनेता ने ट्वीट किए जिससे यह हाई-प्रोफाइल हो गया। काफी हंगामा और न्यायिक जांच की मांग के बाद प्रशासन से इस बात का आश्वासन मिलने पर कि परिवार की सभी बातें मानी जाएंगी, परिवार मनीष का अंतिम संस्कार करने को राजी हो गया। इसके बाद आज सुबह 4.00 बजे हीमनीष का भैरव घाट में अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस मामले में गुरूवार दोपहर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव परिजनों से मुलाकात करने उनके आवास पहुंचे।
गोरखपुर में भाजपा सरकार की हिंसक प्रवृति के शिकार हुए कानपुर के युवा व्यापारी स्व. मनीष गुप्ता जी के शोक संतप्त परिवार के साथ आज दुख साझा किया।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 30, 2021
इस हत्याकांड की उच्च स्तरीय न्यायिक जाँच हो और परिवार को यथोचित न्याय मिले।
इस हत्या के लिए उप्र का शासन-प्रशासन बराबर का दोषी है। pic.twitter.com/YxWiOIVaRl
दोषी पुलिसकर्मियों को सख्त सजा मिले- अखिलेश यादव
शोक संत्पत मनीष गुप्ता के परिवार से सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने मुलाकात की। हालांकि परिजन लगातार सीएम से मिलने की मांग कर रहे हैं, मगर उनके आवास पर खुद राजनेताओं का तांता लगा हुआ है। इसी बीच परिजनों से मुलाकात कर सपा सुप्रीमो ने सीधे तौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और यूपी पुलिस पर निशाना साधा।
अखिलेश यादव ने कहा कि योगी राज में पुलिस रक्षा नहीं कर रही, बल्कि खुद भक्षक जैसा व्यवहार कर बेगुनाहों पर जुल्म ढा रही है। इस मामले की जांच हाईकोर्ट के जज की निगरानी में जांच हो और साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों को सख्त सजा मिले। आगे उन्होनें कहा कि इस तरह ही घटनाएं राज्य में लगातार हो रही है, जो चिंता का विषय है।
सपा शोक संत्पत परिवार को देगी 20 लाख रुपए
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार को पीड़ित परिवार को बतौर अनुदान राशि 2 करोड़ रुपए देने चाहिए। साथ ही सपा परिवार को 20 लाख रुपए देगी, जिससे इन्हें आगे जीवन में समस्या ना हो। वैसे तो परिवार को जो क्षति हुई है, वह अपूरणीय है, फिर भी कुछ हद तक मदद तो की ही जा सकती है। इसके अलावा उन्होनें मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की है।
गोरखपुर में निष्पक्ष जांच संभव ही नहीं है
पुलिस जांच पर सवाल उठाते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि पुलिस हिरासत में सबसे ज्यादा यूपी में मौतें हुई हैं। पुलिस से गलत काम करा रही सरकार, जिसका नतीजा सबके सामने है। मामले की न्यायिक जांच हो मगर गोरखपुर में नहीं बल्कि कानपुर में हो, क्योंकि गोरखपुर में निष्पक्ष जांच संभव ही नहीं है।
क्या है यह पूरा मामला
दरअसल, सिकरीगंज के महादेवा बाजार के रहने वाले चंदन सैनी ने बताया कि, वो बिजनेस करते हैं। उनके तीन दोस्त गुड़गांव से प्रदीप चौहान (32) और हरदीप सिंह चौहान (35) और कानपुर से मनीष गुप्ता (35) गोरखपुर घूमने आए थे। चंदन के मुताबिक सभी दोस्त रियल एस्टेट और अन्य बिजनेस करते हैं। आरोप है कि सोमवार की रात करीब 12.30 बजे रामगढ़ताल पुलिस होटल में चेकिंग करने पहुंची। पुलिस ने प्रदीप को उन्हें आईडी दिखाने के लिए जगाया। इतने पर प्रदीप ने कहा कि, इतनी रात में यह चेकिंग किस बात की हो रही है? हम लोग क्या आतंकवादी हैं? आरोप है कि इतने पर ही पुलिस ने थप्पड़ मारना शुरू कर दिया। कुछ ही देर बाद देखा कि पुलिस वाले साथी मनीष गुप्ता को घसीटते हुए बाहर लेकर आए,वह खून से लथपथ था। इसके बाद पुलिस वाले मनीष को अस्पताल ले गए. जहां उसकी मौत हो गई।