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रा.ज.ज.पा का बढ़ रहा कुनबा, जाप के राष्‍ट्रीय महासचिव समेत लोजपा, भाजयुमो के कई नेता पार्टी में हुए शामिल

रा.ज.ज.पा का बढ़ रहा कुनबा, जाप के राष्‍ट्रीय महासचिव समेत लोजपा, भाजयुमो के कई नेता पार्टी में हुए शामिल

Patna  : राष्‍ट्रीय जन जन पार्टी का कुनबा धीरे-धीरे बढ़ा रहा है। पार्टी के प्रति कई दलों के नेताओं का विश्वास बढ़ रहा है और वे इसमें शामिल हो रहे है। इसी कड़ी में आज जन अधिकार पार्टी के राष्‍ट्रीय म‍हासचिव अकबर अली परवेज के साथ समता पार्टी के पूर्व महासचिव राकेश शर्मा, हम के प्रदेश उपाध्‍यक्ष संजय चौबे, मुजफ्फरपुर के जाप जिला अध्‍यक्ष डॉ ओवैसी, जाप के कार्यकारी अध्‍यक्ष ई. सफदर अली, जाप प्रदेश महासचिव मो. सलीम, लोजपा जिला अध्‍यक्ष दिलीप कुमार, भाजयुमो प्रदेश कार्यसमिति के सुमीत राज, जाप प्रदेश किसान प्रकोष्‍ठ के उपाध्‍यक्ष चौधरी खुशवंत सिंह उर्फ मनोज यादव, दलित प्रकोष्‍ठ के जिला अध्‍यक्ष वीरेंद्र चौधरी, अधिवक्‍ता मो. अरमान समेत दो दर्जन से अधिक  नेता  रा.ज.ज.पा. में शामिल हुए। 

रा.ज.ज.पा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशुतोष ने इनका पार्टी में स्वागत करते हुए सभी को पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस मौके पर आशुतोष ने कहा कि हमारी पार्टी बिहार को मजबूत और स्‍वच्‍छ विकल्‍प देने वाली पार्टी है, जिसकी विचारधारा से प्रभावित होकर आज विभिन्‍न राष्‍ट्रीय और क्षेत्रिय दलों से आये नेताओं ने रा.ज.ज.पा. की सदस्‍यता ली है। हम सबों का दल में स्‍वागत और अभिनंदन करते हैं। 

उन्‍होंने कहा कि बिहार में बदलाव को अब चंद दिन ही रह गए हैं। हमने जो बिहार में विकल्‍पहीनता को समाप्‍त करने का संकल्‍प लिया है, उस विचारधारा से प्रभावित होकर स्‍वच्‍छ राजनीति के लिए आज कई दलों के नेता हमारे साथ आये हैं, जो बिहार में बदलाव की कहानी लिखेंगे। जिस विचारधारा को नेताओं ने अपने खून–पसीने से वर्षों से सींचा, आज उनका पार्टी से मोह भंग हो गया, क्‍योंकि वहां उनके आत्‍मसम्‍मान को ठेंस पहुंचाया गया। उन्‍होंने कहा कि रा.ज.ज.पा.  बिहार की जनता को मजबूत विकल्‍प देने जा रही है।

आशुतोष कुमार ने पहले चरण की अधिसूचना जारी होने के बाद भी प्रदेश की तमाम दलों द्वारा सीटों पर उम्‍मीदवारों के नाम पर जिच को लेकर हमला बोला। उन्‍होंने कहा कहा कि चुनाव की रणभेड़ी बज चुकी है, मगर दो हफ्तों से तमाम पार्टियों के बीच सीटों को लेकर खींचातानी जारी है। उनका यह रवैया दर्शाता है कि उनकी लड़ाई विचारधारा की नहीं, सीटों की है। इन लोगों से जनता से ज्‍यादा कुर्सी से मतलब है।


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