PATNA: नाबालिग से रेप मामले में समय पर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल नहीं करना राजीव नगर थाना के दारोगा और केस के आईओ पूनम रानी को महंगा पड़ा। जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने के बाद पूनम रानी को सस्पेंड कर दिया गया है। एसएसपी गरिमा मलिक ने ये जानकारी दी है।
बता दें कि पटना पुलिस की गलती का फायदा दुष्कर्म के एक आरोपित को मिला। पुलिस ने 12 साल की बच्ची से दुष्कर्म मामले में समय पर चार्जशीट नहीं की, जिस कारण आरोपित 14 अक्टूबर को जमानत पर छूट गया। जिस मामले में आरोपित को बेल मिली है, उसमें पॉक्सो एक्ट की धाराएं भी लगी थीं।
इस मामले में 338/19 की आईओ ने घोर लापरवाही बरती है। उन्होंने चार्जशीट तो चार अक्टूबर की तारीख में काट दी लेकिन उसे कोर्ट तक पहुंचाने में देर कर दी। आईओ पूनम रानी ने 14 अक्टूबर को चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। इस कारण आरोपी को जमानत मिल गई। अगर आईओ चार्जशीट को पहले दाखिल करतीं तो आरोपित का जेल से बाहर निकलना मुश्किल था।
इस गंभीर मामले के सामने आने के बाद पटना पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। आला अफसरों ने जांच शुरू कर दी है। मंगलवार की देर शाम एएसपी विधि व्यवस्था स्वर्ण प्रभात ने राजीवनगर थाने में दर्ज हुए केस की आईओ से स्पष्टीकरण की मांग की थी। जांच रिपोर्ट के बाद केस की आईओ पूनम रानी को सस्पेंड कर दिया गया है।