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UP NEWS : राष्ट्रीय लोकदल ने चुनाव से चार महीने पहले जारी किया संकल्प पत्र, कहा वादों को करेंगे पूरा

UP NEWS : राष्ट्रीय लोकदल ने चुनाव से चार महीने पहले जारी किया संकल्प पत्र, कहा वादों को करेंगे पूरा

UP DESK : राष्ट्रीय लोकदल की ओर से आज लोक संकल्प पत्र जारी किया गया। जिसे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने जारी किया। बताते चलें की लखनऊ के  चारबाग स्थित रवींद्रालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ो की संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता, पूर्व और वर्तमान विधायक के साथ सांसद सहित पार्टी के पदाधिकारी मौजूद थे। इस मौके पर जयंत चौधरी ने कहा की आज और पार्टियां घबराहट में आ गई है। ये पार्टियां पुराने घोषणा पत्र को हो पढ़कर अपना घोषणा पत्र बनाएंगी। उन्होंने कहा की योगी आज शाम तक भी गन्ना मूल्य, पेट्रोल डीजल के दाम पर फैसले लेले। किसान का काम आज डीजल पर आधारित है। मैं बार बार बोल रहा हूँ हो सकता है कि योगी जी जाग जाए और इस पर टैक्स कम कर दे। 

उन्होंने कहा की हमने जो समिति बनाई इसमें 20 सदस्य थे। डॉक्टर, बुद्धजीवियों और आम पब्लिक व कई ऐसे संगठन, जिनसे हमने बात कर इस पर काम किया। उसके बाद हमने पार्टी का घोषणा पत्र जारी किया। पहली राजनैतिक पार्टी है जो 4 माह पहले ही घोषणा पत्र जारी कर रही है। इसमे रोजगार, पर्यावरण, महिला सशक्तिकरण, खिलाडियों की समस्याएं, जिनके लिए उत्तर प्रदेश में उपेक्षा दिखाई देती है जो यूपी से हटकर हरियाणा व अन्य राज्यो में खेलने जाते है। 1 करोड़ नौकरी यूपी के जवानों को देंगे। इसका जिक्र मेनिफेस्टो में है। 2017 में योगी जी शपथ लेकर मुख्यमंत्री बन गए। बोला था लाखों लोगों को रोजगार देंगे। हम उद्योग को बढ़ावा देंगे। सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ हम आंदोलन छेड़ दे तो प्रदेश के युवाओं को नौकरियां दे पाएंगे। सरकार आज 3 फीसदी लोगों को भी रोजगार नही दे सकी। 

जयंत चौधरी ने कहा की बहुत सोच समझकर ये तारीख हमने तय की थी। आज बहुत मायने है। बल्लभ जी ही असली देश के लौह पुरुष है वो किसानों के असली नेता थे। आज जो हमने घोषणा पत्र जारी किया उसे पूरा भी करेंगे। आज देश और प्रदेश के हालात अच्छे नहीं है। लगातार किसानों का आंदोलन चल रहा है। इतिहास के जानकार ये जानते है कि कई बड़े आंदोलन किसानों के हुए 1874 में आंदोलन हुआ था। इसके बाद 1906 में हुआ। महात्मा गांधी ने 1914 में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आवाज उठाई थी। इसके बाद किसानों की आवाज भी उठाई। 1921 में मालाबार में आंदोलन किसानों का हुआ। 1928 में सरदार बल्लभ भाई पटेल ने आंदोलन किया था। समय समय पर किसानों के तमाम आंदोलन होते रहे। आज पिछले एक साल से किसान आन्दोलनरत है और उसे लाठी मिल रही है। उसका उत्पीड़न हो रहा है। लखीमपुर की घटना में किसान भाइयों को जान देनी पड़ी। आज हमने घोषणा पत्र में 22 बाते की हैं।

बीजेपी के लोग इन तमाम मूद्दो से भटकाने के लिए दूसरे मसौदों पर बात छेड़ देते है। योगी और मोदी की सरकार का दिल आपके लिए नही धड़कता। योगी जी अगर जाग जाए तो किसानों के लिए अच्छी घोषणाएं कर दे। किसानों के लिए जो खजानों के दरवाजे बंद है वो हम खोल देंगे। चाबी किसानों के हाथ होगी। हमारी यदि सरकार बनी तो हम किसानों और युवाओं के साथ विकास और नौकरियों पर काम करेंगे।

लखनऊ से कृष्ण मिश्रा की रिपोर्ट 

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