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रक्सौल नप में बड़ा घोटाला : 4 करोड़ की जमीन के लिए 12.93 करोड़ में किया सौदा, जांच के बाद अब ईओ, पूर्व सभापति सहित 10 लोगों पर FIR

रक्सौल नप में बड़ा घोटाला : 4 करोड़ की जमीन के लिए 12.93 करोड़ में किया सौदा, जांच के बाद अब ईओ, पूर्व सभापति सहित 10 लोगों पर FIR

MOTIHARI : मोतिहारी जिला के रक्सौल नगर परिषद के तत्कालीन सभापति,उप सभापति ,ईओ सहित दस पर बूचड़खाना की भूमि खरीद मामले में भारी गड़बड़ी पर बड़ी कार्रवाई की गई है। डीएम के अनुशंसा पर नगर विकास विभाग के निर्देश पर में नगर परिषद के सफाई इंस्पेक्टर ने  रक्सौल थाना में कांड दर्ज कराया गया है। थानाध्यक्ष शशिभूषण ठाकुर ने बताया कि पूर्व सभापति उषा देवी, पूर्व नगर उपसभापति काशीनाथ प्रसाद, उपसभापति रोहिणी साह, पूर्व के स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य राजकिशोर प्रसाद, गायत्री देवी, प्रेमचंद्र कुशवाहा, तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी गौतम आनंद, तत्कालीन अवर निबंधन पदाधिकारी मनीष कुमार, नगर परिषद सहायक चंद्रशेखर कुमार, मृत्युजंय मृणाल के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है।

चार करोड़ की जमीन के लिए 12.93 करोड़ में किया सौदा

दरअसल, इसी साल बूचड़खाने की जमीन खरीदी में बड़े घोटाला सामने आया था। आरोप है कि रक्सौल नगर परिषद के मुख्य पार्षद उषा देवी, नप के कार्यपालक पदाधिकारी गौतम आनंद और रक्सौल के अवर निबंधन पदाधिकारी ने आपसी मेल-मिलाप से बूचड़खाना के लिए चयनित आवासीय भूखंड को व्यवसायिक बताकर करोड़ों रुपये का बंदरबांट कर लिया. इन लोगों ने लगभग 4 करोड़ की जमीन का सौदा 12 करोड़ 93 लाख 60 हजार में करते हुए एग्रीमेंट कर लिया. साथ ही जमीन की रजिस्ट्री कराये बिना केवल महदानामा पर 5 करोड़ 91 लाख 36 हजार 154 रुपये का भुगतान भी कर दिया।

शिकायत पर डीएम ने कराई थी जांच

रक्सौल नगर परिषद् द्वारा बूचड़खाना जमीन के खरीदारी मामले में रक्सौल नप क्षेत्र के वार्ड नंबर-7 के रहने वाले चीनी राम और अन्य सात व्यक्तियों ने डीएम से इस मामले की शिकायत की थी, जिसके बाद डीएम शीर्षत कपिल अशोक  ने आपदा प्रबंधन के अपर समाहर्ता के नेतृत्व में जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी एवं रक्सौल के भूमि सुधार उप समाहर्ता की गठित टीम ने भूमि खरीद की जांच कराई थी . जांच टीम के रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने मुख्य पार्षद उषा देवी को पदच्यूत करने और कार्यपालक पदाधिकारी गौतम आनंद समेत अवर निबंधक पर कार्रवाई करने के अलावा एफआईआर दर्ज करने की अनुशंसा करते हुए नगर विकास विभाग को पत्र लिखा है।

जून में ईओ को निलंबित किया गया था, सभापति को पद मुक्त करने की हुई थी अनुशंसा

इस मामले में पूर्व में ही जून में जांच कमेटी की रिर्पोट के आधार पर तत्कालीन ईओ गौतम आनंद को निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद सभापति उषा देवी को भी पदमुक्त करने की अनुंशसा की गयी थी। इधर, अब इस मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से एक बार नगर परिषद‍ की राजनीति गरमा गयी है। जांच टीम ने बूचड़खाना की जमीन खरीद मामले में इन सभी लोगों को दोषी पाया था। इधर डीएम द्वारा कार्रवाई के लिए नगर विकास विभाग को लिखे जाने के बाद नगर परिषद कार्यालय में हड़कंप मचा हुआ है


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