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भाजपा में शामिल हुए आरसीपी सिंह, नीतीश के कोर वोटबैंक में सेंधमारी की बड़ी तैयारी

भाजपा में शामिल हुए आरसीपी सिंह, नीतीश के कोर वोटबैंक में सेंधमारी की बड़ी तैयारी

दिल्ली/पटना. आरसीपी सिंह ने गुरुवार को भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली. उन्होंने दिल्ली में भाजपा नेता केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की उपस्थिति में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. आरसीपी सिंह जदयू के अध्यक्ष रह चुके हैं. आरसीपी सिंह वर्तमान की मोदी सरकार में लगभग एक साल तक केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। दो दशक से भी ज्यादा समय तक नीतीश कुमार और जदयू से जुड़े रहे आरसीपी पर पिछले साल यह आरसीपी पर यह आरोप लगे थे कि उन्होंने भाजपा के साथ मिलकर जदयू को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। साथ ही कई जगह अवैध संपत्ति अर्जित की। साथ ही यह भी आरोप लगे कि उन्होंने बिना नीतीश कुमार के अनुमति के केंद्रीय मंत्री बनने का फैसला किया। खुद पर लगे कई आरोपों के बाद उन्होंने जदयू की सदस्यता को छोड़ने का फैसला  किया था।

आरसीपी सिंह को भाजपा शमिल कराने के पीछे पार्टी की बड़ी राजनीतिक चाल दे तौर पर देखा जा रहा है. आरसीपी सिंह उसी नालंदा से आते हैं जहाँ से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं. साथ ही वे कुर्मी समाज से हैं और नीतीश भी जातिगत तौर पर कुर्मी हैं. आईएएस अधिकारी रह चुके आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार के केंद्रीय मंत्री रहते हुए उनके साथ काम किया था. बाद में वे आईएएस से इस्तीफा देकर नीतीश की पार्टी जदयू में शामिल हो गए. उन्होंने जदयू के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया. लेकिन इसी दौरान नीतीश कुमार से आरसीपी की दूरी बढने लगी. वे केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री भी बने जबकि कहा गया कि इसके लिए नीतीश तैयारी नहीं थे. अंत में नीतीश कुमार ने आरसीपी को किनारा करना शुरू कर दिया. 

कुर्मी समाज से आने वाले आरसीपी सिंह के भाजपा में आने से उन्हें कुर्मी नेता के तौर पर पेश किया जा सकता है. भाजपा के साथ पहले से ही आरसीपी के सम्बंध रहे हैं. ऐसे में अब पार्टी उन्हें बिहार में अहम जिम्मेदारी सौप सकती है. इसमें लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान भाजपा की पैठ कुर्मी जाति में बढ़ाने की विशेष रणनीति बनाई जा सकती है. नीतीश कुमार के साथ पिछले करीब 2 दशक का साथ रखने वाले आरसीपी को उनका बड़ा राजदार भी माना जाता है. ऐसे में भाजपा की कोशिश होगी कि वह आरसीपी के बहाने नीतीश के घर में सेंधमारी करे.

जदयू को बिहार में कमजोर करने की कोशिश में लगी भाजपा के लिए आरसीपी के रूप में पिछले एक पखवाड़े में दूसरी सफलता है. इसके पहले जदयू प्रवक्ता रहे अजय आलोक ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी. अब आरसीपी ऐसे दूसरे नेता हैं जो नीतीश से अलग हुए हैं और भाजपा में शामिल हुए हैं. 


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