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रिमांड होम में पार की गई थी दरिंदगी की सारी हदें, जांच रिपोर्ट में हुआ खुलासा

रिमांड होम में पार की गई थी दरिंदगी की सारी हदें, जांच रिपोर्ट में हुआ खुलासा

PATNA : मुजफ्फरपुर के बालिका गृह वहशीपन की सारी हदों को पार किया गया था। जिस आवास में बच्चियों और युवतियों को सुरक्षा के लिए रखा गया था वहीं उनके साथ वह सबकुछ हुआ जिसकी उनलोगों ने कल्पना भी नहीं की होगी। बताया जा रहा है कि बालिका गृह में सात साल की बच्ची को भी नहीं दरिंदों ने नहीं छोड़ा था। मानवीय मूल्यों को कलंकित करने वाली इस घटना का खुलासा पीएमसीएच की मेडिकल रिपोर्ट से हुआ है। जांच में अस्पताल प्रशासन ने 29 किशोरियों के साथ दुष्कर्म की पुष्टि की है। अस्पताल प्रशासन ने मेडिकल रिपोर्ट मुजफ्फरपुर पुलिस को भेज दी है। 

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सात वर्षीया पीड़िता को बोलने में भी हो रही परेशानी
 
मेडिकल जांच कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि नाबालिग लड़कियों के साथ एक नहीं  बल्कि कई बार दुष्कर्म किये गये हैं। जख्म के निशान देख डॉक्टरों ने इस  बात की पुष्टि की है। डॉक्टरों की मानें, तो सात साल की जिस बच्ची के साथ  दुष्कर्म हुआ है, उसे बोलने में भी तकलीफ हो रही थी। नतीजा पुलिस को बयान  लेने में भी तकलीफ हो रही थी।  दुष्कर्म के बाद पीएमसीएच में हुई मेडिकल जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि 29 में कई ऐसी बच्चियां हैं, जिनकी हालत काफी खराब है। इतना ही नहीं दुष्कर्म के पहले भी उनकी मानसिक हालत खराब थी, जिसका फायदा उठाते हुए उनके साथ ऐसी घटना को अंजाम दिया गया है।


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बताते चले कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह में रह रही किशोरियों से यौन शोषण-प्रताड़ना का खुलासा मई महीने में हुआ था। मुंबई की टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की 'कोशिश' टीम की सोशल ऑडिट रिपोर्ट में यह मामला सामने आया था। 100 पेज की सोशल ऑडिट रिपोर्ट को टीम ने 26 मई को बिहार सरकार, पटना और जिला प्रशासन को भेजा था। इसके बाद बालिका गृह से 46 किशोरियों को 31 मई को मुक्त कराया गया। 

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मामला प्रकाश में आने के बाद रिमांड होम संचालित कर रही एनजीओ पर एफआईआर दर्ज करायी गयी थी। इसके बाद मुजफ्फरपुर पुलिस ने 29 किशोरियों को मेडिकल जांच के लिए पीएमसीएच भेजा था। करीब 20 दिन तक चले इस मेडिकल जांच के बाद अस्पताल प्रशासन ने 29 किशोरियों के साथ दुष्कर्म की पुष्टि की और रिपोर्ट बना कर पुलिस को भेज दी। मेडिकल रिपोर्ट को पुलिस कोर्ट में पेश करेगी।

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