सीवान: किसी भी व्यक्ति के जीवनकाल में एक दिन ऐसा समय जरूर आता है जब वह सेवानिवृत्त होता है. सेवानिवृत्ति का पल एक भावुक पल होता है, क्योंकि प्रतिदिन ऑफिस आना, नई नई चुनौतियों के साथ काम करना, यह सब व्यक्ति की आदत बन जाती है, लेकिन अवकाशप्राप्ति के बाद अब यह सब नही रहेगा, सब कुछ बदल जाता है.
दयानंद आयुर्वैदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल सिवान के महाविद्यालय परिसर में स्थित धनवंतरी सभागार में आयुर्वेद महाविद्यालय के स्त्री प्रसूति विभाग की प्रोफेसर डॉक्टर अरुणा शरण की सेवानिवृत्ति सह सम्मान सभा आयोजित किया गया. इस अवसर पर दआमेका के शासी निकाय के सचिव डॉ रामानंद पाण्डेय ने डॉक्टर अरुणा शरण की सेवानिवृत्ति के अवसर पर कहा कि हर व्यक्ति के जीवन मे एक दिन जरूर आता है जब वह अपनी सेवाओं से मुक्त हो जाता है, उन्होंने कहा कि डॉक्टर अरुणा शरण ने कठिन परिश्रम और प्रतिबद्धता के साथ महाविद्यालय की सेवा की है. हमें पूरा विश्वास है कि सेवानिवृति के बाद भी वे सेवा के कार्य में जुटी रहेंगी और अपने जीवन के बड़े लक्ष्य की ओर बढ़ेंगीं.
इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ प्रजापति त्रिपाठी ने कहा कि डॉ अरुणा शरण में तमाम चिकित्सीय आवश्यक लक्षण के साथ पेशेवर कौशल के साथ साथ मानवीय वैयक्तिक विशेषताएं रहीं है. उन्होंने कठिन परिश्रम और निष्ठा से कार्य किया है.
अपने अवकाशप्राप्ति के अवसर पर डॉ अरुणा शरण ने कहा कि जब मैं थोड़ा पीछे मुड़कर देखती हूँ तो लगता है कि अभी कुछ ही साल पहले तो मैने इस महाविद्यालय में जॉइन किया था और आज यह रिटायरमेंट.
वहीं इस अवसर पर डॉ राजा प्रसाद ने कहा कि डॉ अरुणा शरण के अवकाश प्रप्ति के बाद यह महाविद्यालय उनको बहुत याद करेगा.
धनवंतरी सभागार में आयुर्वेद महाविद्यालय के स्त्री प्रसूति विभाग की प्रोफेसर डॉक्टर श्रीमती अरुणा शरण की सेवानिवृत्ति सह सम्मान सभा में महाविद्यालय के सभी शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे.