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भागलपुर में भाजपा के कार्यकर्ताओं में आई दरार, खेमेबाजी में बंटकर कर रहे विरोध, लगाया गंभीर आरोप

भागलपुर में भाजपा के कार्यकर्ताओं में आई दरार, खेमेबाजी में बंटकर कर रहे विरोध, लगाया गंभीर आरोप

भागलपुर। 2024 का लोकसभा चुनाव सामने है. केंद्र में पार्टी की मजबूती को लेकर भाजपा कई रणनीति बना रही है लेकिन भाजपा के कार्यकर्ताओं में दरार देखी जा रही है. यहां तक कि भागलपुर में अब भाजपा कार्यकर्ता दो खेमे में बट गए हैं. अपने ही पार्टी के कार्यकर्ता अपने ही पार्टी के सदस्यों की आंखों को भा नहीं रहे, दोनों खेमा एक दूसरे की टांग खींचने में लगे हुए हैं। 

ताजा मामला भागलपुर जिले का है जहां तकरीबन 50 से 60 भाजपा कार्यकर्ता किसी निजी विवाह भवन में बैठक करते दिखे. यह बैठक भागलपुर के ही कार्यकर्ता  शशि मोदी और पंकज झा के नेतृत्व में किया जा रहा था. इस बैठक में अपने ही पार्टी के विरोध में कार्यकर्ता जमकर नारेबाजी करते दिखे। कार्यकर्ता काफी आक्रोशित दिखे। भाजपा सदस्य घनश्याम पाल ने काफी आक्रोश मुद्रा में कहा जिलाध्यक्ष ने वैसे कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर दिया जिन्होंने भागलपुर में भारतीय जनता पार्टी को बनाने का काम किया है. आश्वासन के बाद भी भागलपुर शाखा के कुछ पदाधिकारियों ने वैसे कार्यकर्ताओं को ठेंगा दिखाने का काम कर दिया.

वहीं उन्होंने कहा मंडल के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों को चुनाव करके किसी भी तरह का पदभार देना चाहिए. प्रदेश अध्यक्ष भी अपने मनमर्जी से मनोनीत कर दिया जाता है. यह कहीं से सही नहीं है, इसका हमलोग पुरजोर विरोध करते हैं. साथ ही उन्होंने कहा  की कहीं से भी लोगों को लाकर बड़े पद पर रख देते हैं लेकिन जो वर्षों से पार्टी के लिए लाठी-डंडे खाए हैं. 

जिन लोगों ने पार्टी को सींचने का काम किया है. उसके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है इसकी लिखित जानकारी प्रधानमंत्री और केंद्र कमेटी को दी जाएगी। वही आक्रोशित पूर्व नगर मंत्री राजीव श्रीवास्तव ने कहा हमलोग पार्टी में तब से हैं जिस समय लोग पार्टी का झंडा थामने के लिए कोई तैयार नहीं थे वह डरते थे. पत्थर खाए हैं गाली गलौज सुनी है ताने सुने हैं फिर भी पार्टी के लिए समर्पित रहे हैं फिर भी हमलोगों को दरकिनार कर दिया जाता है. यह सही नहीं है. 

उन्होंने कहा भागलपुर में जो जिला कमेटी बनी है मंडल में जो लोगों को दिया गया है. हमें नहीं लगता है कि वह लोग 5 साल भी पार्टी में समय बिताए होंगे. वहीं  सबों ने जिलाध्यक्ष का पुरजोर विरोध जाहिर किया। अब सवाल यह उठता है कि जहां केंद्र व राज्य में 2024 और 2025 के चुनाव की रणनीति बनाई जा रही है. वहीं भागलपुर के भारतीय जनता पार्टी में ही इतना बड़ा दरार कैसे सुलझ पाएगा? क्या इस चुनाव पर इसका असर देखने को मिलेगा या फिर प्रधानमंत्री और केंद्रीय कमेटी इस पर विचार  करेगी ? यह तो समय ही बताएगा.  


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