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राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने बीजेपी पर साधा निशाना, कहा सम्राट चौधरी को आगे कर की बहुजनों के खिलाफ खड़ा करने की नाकाम कोशिश

राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने बीजेपी पर साधा निशाना, कहा सम्राट चौधरी को आगे कर की बहुजनों के खिलाफ खड़ा करने की नाकाम कोशिश

PATNA. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार में दो दिवसीय दौरे पर आए हुए थे। जिसके दौरान आज नवादा की रैली में अमित शाह ने जनसभा को संबोधित किया। मौके पर बीजेपी के तमाम बड़े नेता मौजुद थे। गृह मंत्री ने सम्राट अशोक के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुरूआत किया। वहीं अमित शाह के साथ ही बीजेपी के कई नेताओं ने सभा को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में बिहार बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने भी सभा को संबोधित किया। वहीं राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुबोध कुमार मेहता ने सम्राट चौधरी के भाषण पर कटाक्ष करते हुए कहा कि, प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद सम्राट चौधरी ने अपने पहले संबोधन में महापुरुषों का जिक्र नहीं किए हैं। वो जिस खास जाति का प्रतिनिधि करते हैं। उस जाति के महापुरुषों का नाम लेना ही भूल गए हैं।   

राजद राष्ट्रीय प्रवक्ता ने  अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि, बिहार प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी से बिहार की मासूम जनता को बहुत निराशा हुई है। प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद अपने पहले संबोधन में उन्होंने चन्द्रगुप्त मौर्य,सम्राट अशोक, महात्मा गांधी ,बाबा साहब अम्बेडकर और अमर शहीद जगदेव प्रसाद का नाम तक नहीं लिया। हम सब जानते हैं कि मौर्य वंश को खत्म करने वाले पुष्यमित्र ने ही बृहद्रथ मौर्य की हत्या की थी और बहुजनों के शासन को छल से खत्म किया था।

 उन्होंने कहा कि, पुष्यमित्र को मानने वाले लोगों ने बहुजन की बात करने वाले महात्मा गांधी का और बाद में जगदेव बाबू का भी कत्ल किया। भाजपा पुष्यमित्र की चाल चलते हुए सम्राट चौधरी को आगे कर बहुजनों के खिलाफ खड़ा करने की नाकाम कोशिश की है।

 राजद प्रवक्ता ने आगे कहा कि,  सम्राट चौधरी से मायूसी इसलिए भी है कि सम्राट चौधरी की ट्रेनिंग लालू,राबड़ी, नीतीश और मांझी के छत्रछाया में हुई है। इसके बावजूद भी सम्राट चौधरी ने अपने पहले संबोधन में बहुजनों का जिक्र तक नहीं किया और पुष्यमित्र की गोद में बैठकर पुष्यामित्रों की ही बात करते रह गए। जिन लोगों ने सम्राट अशोक जो आधुनिक, जनतांत्रिक, स्वतंत्र भारत का संवैधानिक प्रतीक हैं, जिनके चक्र और स्तम्भ से देश की पहचान होती है उनकी अपमान किया है उनके साथ सम्राट चौधरी अपने मन की बात न करके पुष्यामित्रों की चाल में फंस गए जिससे पूरे बिहार में सम्राट चौधरी से मायूसी है ।


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