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मोदी सरकार की निष्क्रियता से लोकपाल का नहीं मिल पा रहा फायदा,अब तक भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायत का प्रारूप हीं तय नहीं हो पायाः सदानंद

मोदी सरकार की निष्क्रियता से लोकपाल का नहीं मिल पा रहा फायदा,अब तक भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायत का प्रारूप हीं तय नहीं हो पायाः सदानंद

PATNA: बिहार कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने एक बार फिर से लोकपाल का मुद्दा उठाया है.कांग्रेस नेता ने लोकपाल के बहाने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार की निष्क्रियता की वजह से ही लोकपाल का लाभ देशवासियों को नहीं मिल रहा।केंद्र सरकार की निष्क्रियता की वजह से भ्रष्टाचार की जांच लोकपाल द्वारा नहीं हो पा रही है, क्योंकि भाजपा सरकार ने लोकपाल की नियुक्ति के 9 माह बाद भी शिकायत प्रारूप तय ही नहीं कर पाई है।  इस वजह से भ्रष्टाचार की लड़ाई के लिए बनी सर्वोच्च संस्था भ्रष्टाचार की शिकायतों की विधिवत जांच शुरू करने में असक्षम है।

 सदानंद सिंह ने कहा कि मनमोहन सिंह की सरकार ने भ्रष्टाचार की जांच करने के लिए 2013 में हीं लोकपाल कानून को पास करा दी थी. मई 2014 में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाकर बीजेपी सरकार सत्ता में आई. लेकिन विडंबना देखिए कि उसी मोदी सरकार ने लोकपाल की नियुक्ति में 4 सालों का समय लगा दिया. 27 मार्च 2018 तक इस संस्था के सभी सदस्य पद धारण कर चुके थे। इसकी नियुक्ति के 9 महीने गुजर गए लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज कराने के प्रारूप को ही तय नहीं कर पाई है ।लिहाजा भ्रष्टाचार की शिकायतें लोकपाल के यहां दर्ज नहीं हो पा रहे हैं ।

उन्होंने कहा कि लोकपाल पर कानून बनाने के लिए भाजपा ने राजनीतिक तूफान खड़ा किया था लेकिन जब वह सत्ता में आई तो इस पर चुप्पी साध ली है।

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