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साहब की पोल खोलः DSP ने 'पत्नी' के नाम पर खरीदी लाखों की जमीन, संपत्ति के ब्योरा में 2 आवासीय प्लॉट को छुपा लिया, ...तो अवैध कमाई से अर्जित की संपत्ति?

साहब की पोल खोलः DSP ने 'पत्नी' के नाम पर खरीदी लाखों की जमीन, संपत्ति के ब्योरा में 2 आवासीय प्लॉट को छुपा लिया, ...तो अवैध कमाई से अर्जित की संपत्ति?

PATNA:  बिहार में बड़ी संख्या में ऐसे सरकारी सेवक हैं जो रिश्वत के पैसे अकूत संपत्ति अर्जित कर रहे. भ्रष्ट अफसरों के ठिकाने पर जब छापेमारी हो रही तो करोड़ों रू नकद व जमीन-जायदाद के कागजात मिल रहे. रिश्वत के पैसे से अधिकारी काले धन के कुबरे बनते जा रहे हैं. साल भर के दौरान 100 ऐसे अधिकारियों-कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। हाल ही में एक ड्रग इंस्पेक्टर के ठिकानों पर जब छापेमारी हुई तो वहां से चार करोड़ से अधिक नकद रू मिले हैं। नीतीश सरकार हर साल सभी अधिकारियों से संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक कराती है। सरकार के आदेश का दिखावे के लिए पालन भी होता है, लेकिन यहां भी संपत्ति उजागर करने का काम कम, छिपाने का अधिक होता है. रिश्वत के पैसे से अर्जित संपत्ति को छुपाने के लिए अधिकारी तरह-तरह के हथकंड़े अपनाते हैं। पहले पत्नी के नाम पर सपंत्ति बनाते थे. हालांकि, अब इसमें भी डर है. लिहाजा किसी रिश्तेदार या अर्दली के नाम पर जमीन-जायदाद खरीद रहे. कुछ ऐसे अधिकारी हैं जिन्होंने पत्नी के नाम पर जमीन खरीद ली और उसे संपत्ति के ब्योरा में छुपा लिया। आज हम एक ऐसे ही पुलिस के अधिकारी के बारे में बता रहे हैं। पुलिस के अधिकारी बतौर डीएसपी बिहार में सेवा दे रहे हैं।

8 साल पहले पत्नी के नाम पर खरीदी जमीन पर उजागर नहीं किया 

जिस पुलिस अधिकारी के बारे में हम बता रहे हैं वो DSP हैं। उनके बारे में यह खुलासा हुआ है कि उन्होंने पत्नी के नाम पर काफी संपत्ति बनाई है। जहां के वे रहने वाले हैं उसके पड़ोस वाले जिले  यानी समस्तीपुर में पत्नी के नाम पर एक वर्ष में ही आवासीय जमीन के दो प्लॉट की खरीद की। पहले एक प्लॉट का एग्रीमेंट कराया फिर उसी साल उस जमीन का निबंधन करा लिया। साथ ही उसी जगह पर जमीन का एक और छोटा सा टुकड़ा खऱीदा। लेकिन पत्नी के नाम पर खरीदे गये इन प्लॉट को सरकार से छुपा लिया। पुलिस अधिकारी ने 2022 में संपत्ति का ब्योरा जो सरकार को दिया है उसमें इन दो प्लॉट का जिक्र नहीं है। जबकि जमीन की खरीद 6-7 साल पहले की गई है। पुलिस अधिकारी की पत्नी के नाम पर खरीदी गई उस जमीन के बारे में थोड़ा विस्तार से बता देते हैं। जमीन समस्तीपुर जिले में 2014 में खरीदी गई। अधिकारी की पत्नी के नाम पर पहले 6 डिसमिल जमीन का एग्रीमेंट कराया गया, अगले चार महीने में ही उस जमीन की रजिस्ट्री करा ली गई। जिसका मूल्य करीब 12.50 लाख है। इसी साल एक और प्लॉट की रजिस्ट्री पुलिस अधिकारी की पत्नी के नाम पर की गई। लगभग 1 डिसमिल आवासीय प्लॉट का निबंधन सालों पहले करवाया गया। दोनों जमीन एक ही जगह पर है। 

जमीन खरीदना गुनाह नहीं, छुपाना अपराध 

वैसे किसी भी व्यक्ति के लिए जमीन खरीदना गुनाह नहीं। अगर आप सरकारी सेवक हैं और आपने संपत्ति अर्जित की तो उसकी जानकारी सरकार को देनी पड़ती है। डीएसपी साहब ने ऐसा नहीं किया। इस वजह से उन पर सवाल खड़े हो रहे हैं. जबकि बिहार के मुख्य सचिव का आदेश है कि अगर किसी सरकारी सेवक ने संपत्ति की जानकारी छुपाई तो उसे अवैध मानी जायेगी। साथ ही उस पर आय से अधिक संपत्ति का मामला बन सकता है। 

प्रमोशन पाकर बने हैं डीएसपी 

अब आपको हम डीएसपी साहब के बारे में बताते हैं। डीएसपी साहब का नाम तो उजागर नहीं कर रहे, पर इशारा जरूर कर रहे हैं। वे दारोगा से प्रमोशन पाकर डीएसपी बने हैं। वे काफी दिनों से चंपारण इलाके में पदस्थापित हैं। पति-पत्नी का टायटल भी समान है।जहां पदस्थापित हैं उसके पड़ोस वाले जिले में ही उनका पैतृक घर है। बताया जाता है कि अपने क्षेत्र में उनकी बदनामी भी बहुत है। वैसे यह जमीन छुपाने का यह मामला कानोंकान पुलिस के वरीय अधिकारियों तक पहुंच गया है। अब देखना होगा कि संपत्ति छुपाने वाले अधिकारी पर आगे क्या कुछ होता है। वैसे इनके एक और काम और नाम का खुलासा भी आगे होगा।



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