PATNA
: सांसद बन
जाने के बाद भी सरफराज आलम नहीं बदले। खौफ का एक और कारनामा उनके साथ जुड़ गया है।
अररिया एक सरकारी डॉक्टर ने उन पर साम्प्रदायिक भाषा का इस्तेमाल कर अपमानित करने
का आरोप लगाया है। सांसद की प्रताड़ना और अपमान
से डॉक्टर इतना डर गये कि उन्होंने अपने पद से ही इस्तीफा दे दिया। सरफराज आलम जब
जदयू के विधायक थे तो उन पर चलती ट्रेन में लड़की से छेडखानी का आरोप लगा
था। इस विवाद के कारण जदयू ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था। अब देखना है
कि राजद इस मामले में क्या रुख अपनाता है।
अररिया सदर अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डा. जगनारायण
माथुर ने राजद सांसद के भय के कारण अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उपाधीक्षक के
इस कदम से बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया है ।
अररिया सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा. जगनारायण माथुर के साथ
यह वाकया 21 मई की शाम 4.15 बजे घटी। घटना के बाद उपाधीक्षक डा. माथुर नें जिले के
सिविल सर्जन , डीएम और राज्य स्वास्थ्य समिति को पूरे घटना की जानकारी दी और
पद मुक्त करने की गुहार लगायी। पत्र में उन्होंने उल्लेख किया है की अररिया के
राजद सांसद सरफराज आलम ने मोबाइल नं 9931817786 से फोन कर असभ्य भाषा का प्रयोग किया और अपमानित किया। इतना
हीं नही सांसद नें उन्हें सांप्रदायिक होने का भी आरोप जड़ दिया। ऐसी स्थिति में
वे काम नही कर सकते । इसलिए उन्हें अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक के पद से हटाया
जाए।
इस घटना के बाद बिहार की राजनीति में हलचल। बिहार आइएमए ने
इस घटना की निंदा की है। संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष डा. अजय कुमार नें आरोपी सांसद
पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होनें कहा है की डाक्टर भय में कैसे काम करेंगे। वहीं
जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा की यह
मामला सरकार के संज्ञान में है और किसी को भी कानून हाथ में लेनें का अधिकार नही
है। निश्चित तौर पर इस मामले में कार्रवाई
होगी। हालांकि आरोपी सांसद सरफराज आलम ने अपने उपर लगे आरोप पर सफाई देते
हुए कहा की वे जनप्रतिनिधि हैं और क्षेत्र के लोगों की मदद को लेकर अधिकारियों को
फोन करते हैं। इसमें धमकी या अपमानित करनें की कोई बात नही है।