न्यूज़ 4 नेशन डेस्क : आज भारतीय संस्कृति के उल्लास का, ज्ञान के पदार्पण का, विद्या और संगीत की देवी मां सरस्वती का दिन है. आज ही के दिन समस्त प्राणियों में विद्या और संगीत का संचार करने के लिए देवी सरस्वती जी का आविर्भाव हुआ था. इस दिन शैक्षणिक और सांस्कृतिक संस्थानों में विशेष रूप से मां सरस्वती की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि मां सरस्वती की पूजा इस दिन स्टूडेंट्स को विशेष तौर पर करनी चाहिए. हिंदुओं के पौराणिक ग्रंथों में आज के दिन को बहुत ही शुभ माना गया है. आज का दिन हर नए काम की शुरुआत के लिए बहुत ही मंगलकारी माना जाता है.
पौराणिक ग्रंन्थों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना तो कर दी लेकिन वे इसकी नीरसता को देखकर असंतुष्ट थे. फिर उन्होंने अपने कमंडल से जल छिटका जिससे पृथ्वी हरी-भरी हो गई. साथ ही विद्या, बुद्धि, ज्ञान और संगीत की देवी प्रकट हुई. ब्रह्मा जी ने आदेश दिया कि इस सृष्टि में ज्ञान और संगीत का संचार कर जगत का उद्धार करो. तभी देवी ने वीणा के तार झंकृत किए जिससे सभी प्राणी बोलने लगे, नदियां कलकल कर बहने लगी हवा ने भी सन्नाटे को चीरता हुआ संगीत पैदा किया. तभी से बुद्धि और संगीत की देवी के रूप में सरस्वती जी पूजी जाने लगी.
बसंत पंचमी पूजा विधि
सुबह स्नान कर पिले कपड़े पहन, मां सरस्वती की प्रतिमा को सामने रख कलश स्थापित कर भगवान गणेश और नवग्रह की विधिवत पूजा करें. फिर मां सरस्वती की पूजा करें. मां की पूजा करते समय सबसे पहले उन्हें आचमन और स्नान कराएं. फिर माता का श्रृंगार कराएं. माता श्वेत वस्त्र धारण करती हैं इसलिए उन्हें श्वेत वस्त्र पहनाएं. प्रसाद के रुप में खीर अथवा दूध से बनी मिठाईयां अर्पित करें.
बसंत पंचमी पूजन शुभ मुहूर्त
बसंत पंचमी - 10 फरवरी 2019 पूजा का समय - सुबह 7.15 बजे से दोपहर 12.52 बजे तक.